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कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए विटामिन सी वाले फलों के दामों में भारी उछाल

संतरा 110 रुपये किलो पहुंचा, नींबू भी 10 रुपये जोड़ा बिक रहा मीरजापुर, 03 अप्रैल (हि.स.)। कोरोना संक्रमण से बचने और इम्युनिटी बढ़ाने के लिए चिकित्सक विटामिन सी वाले फलों का अधिक से अधिक उपयोग करने की सलाह देते हैं। इन दिनों कोरोना की दूसरी लहर चल रही है। ऐसे में विटामिन सी वाले फलों की मांग भी बढ़ गयी है। बीते जनवरी-फरवरी के महीने में संतरा नगर के बाजारों में 30 से 40 रुपये किलोग्राम आसानी से मिल जाया करता था। इस समय संतरा नगर के बाजारों में 100 से 110 रुपये किलो बिक रहा है। नगर के जंगीरोड स्थित मण्डी में भी थोक में 80 से 90 रुपये किलो संतरा बिक रहा है। नींबू का दाम भी आसमान पर है। कभी 10 रुपये में चार से पांच नींबू मिल जाता था। अब 10 रुपये जोड़ा बिक रहा है। नगर के फलों के थोक व्यवसायी रमाशंकर सोनकर का कहना है कि नागपुर से संतरा मंगाया जाता है। महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के कारण आवक प्रभावित हो गयी है। वहीं संतरा की इन दिनों खपत बढ़ जाने से भी दाम में थोड़ा वृद्धि हो गयी है। गर्मी के दिनों में नींबू की भी मांग होती है। इस समय कोरोना संक्रमण के कारण लोग नींबू अधिक खरीद रहे है। क्या कहतें हैं चिकित्सक कोरोना टीकाकरण के नोडल अधिकारी डॉ. नीलेश श्रीवास्तव का कहना है कि संतरा ही नहीं नींबू, आंवला एवं अन्य खट्टे फलों में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। विटामिन सी में रोग प्रतिरोधक बढ़ाने की क्षमता अधिक होती है। इसीलिए कोरोना संक्रमण से बचने के लिए चिकित्सक विटामिन सी युक्त फलों का उपयोग अधिक करने की सलाह देते है। इसके उपयोग से लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। इससे कोरोना के संक्रमण से बचाव में काफी मदद मिल जाती है। फिर काढ़ा के लौटे दिन जिले में बीते चार माह से कोरोना का संक्रमण कम हो जाने पर लोग काढ़ा को लगभग भूल ही चुके थे। धीरे-धीरे लोग ठण्डे पेय पदार्थों की तरफ बढ़ने लगे थे। नगर की कोल्ड ड्रिंक की दुकानों पर बीते वर्ष मार्च महीने से बंद फ्रिज भी मार्च के महीने में साफ-सफाई कर चालू कर दिए गए थे। कोल्ड ड्रिंक की डिमाण्ड शुरु हो गयी थी पर कोरोना का संक्रमण बढ़ते ही एक बार फिर लोग काढ़ा की तरफ लौटने लगे हैं। गिलोय, तुलसी, मुलेठी, काली मिर्च, लौंग, तेजपत्ता आदि की मांग बढ़ गयी है। जोशांदा की भी मांग बढ़ी गिलोय, तुलसी और काली मिर्च ही नहीं बल्कि तैयार किया गया जोशांदा की भी मांग बढ़ गयी है। जोशांदा जड़ी-बूटियों से तैयार किया जता है। इसमें तुलसी, काली मिर्चा के अलावा गिलोय एवं अन्य जड़ीबूटिया होती है। खासतौर पर सर्दी-जुकाम और बुखार होने पर लोग इसका इस्तेमाल करते हैं। लेकिन, अब इसे लोग कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए भी काढ़ा जैसा इस्तेमाल करने लगे हैं। विक्रेता रवि साहू का कहना है कि बड़ी संख्या में लोग जोशांदा खरीद रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/संजय

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