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सोलर एनर्जी से चलने वाले शीत घरों के निर्माण पर 66 प्रतिशत का अनुदान

गोंडा, 25 फरवरी (हि.स.)। केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत बागवानी बोर्ड के माध्यम से अब फल, फूल व कंद की फसलों को सुरक्षित रखने के लिए सोलर एनर्जी से चलने वाले शीत घरों के निर्माण पर 66 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा। उद्यान विभाग के माध्यम से संचालित इस योजना के लिए जनपद वार प्रपोजल मांगा गया है। यह जानकारी गुरुवार को उद्यान निरीक्षक अनिल शुक्ला ने हिन्दुस्थान समाचार से साझा की। उन्होंने बताया कि करीब 06 करोड़ की लागत से बनने वाले इन शीत घरों के निर्माण पर करीब 04 करोड़ बिल्डिंग व मशीनरी स्थापना पर 33 प्रतिशत और करीब 02 करोड़ सोलर प्लांट के निर्माण पर 33 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा। वे कहते हैं कि सोलर एनर्जी से चलने वाले शीत घरों पर खर्च कम आएगा। एक शीत घर निर्माण के लिए करीब एक एकड़ जमीन की आवश्यकता पड़ेगी। वहीं, यह योजना बंद पड़े शीत घरों के लिए वरदान साबित होगी। कहते हैं कि करीब एक दशक पूर्व जनपद में आधा दर्जन से अधिक शीत घरों का संचालन हो रहा था, लेकिन ऊर्जा पर अधिक व्यय होने के कारण इनके संचालकों को लगातार घाटा का सामना करना पड़ा और धीरे-धीरे सभी शीत घर बंद हो गए। श्री शुक बताते हैं कि जिले में मात्र एक कोल्ड स्टोरेज का संचालन हो रहा है, वह भी बंदी के कगार पर है। जनपद में विभिन्न कारणों से कंद की प्रमुख फसल आलू का उत्पादन विभिन्न कारणों से धीरे-धीरे घटता गया। किसानों का आलू कोल्ड स्टोरेज में भंडारण न होने के कारण इनके संचालकों का मुख्य व्यवसाय पूरी तरह से ठप हो गया। वहीं, कुछ दिनों तक इन लोगों द्वारा गर्मी के सीजन में बर्फ बनाकर बिक्री की जाती रही। लेकिन इससे खर्च ना निकलने के कारण धीरे-धीरे कोल्ड स्टोरेज बंद हो गए। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत बंद पड़े कोल्ड स्टोरेज को अपग्रेड कर सोलर एनर्जी से चलाने के लिए इनके मालिकों को प्रेरित किया जा रहा है। वहीं, इच्छुक लोग नए कोल्ड स्टोरेज की स्थापना भी कर सकते हैं। जिला उद्यान अधिकारी मृत्युंजय सिंह ने बताया कि इसके लिए इच्छुक अभ्यर्थी सीधे ऑनलाइन राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी) को आवेदन कर सकते हैं। जनपद में एक कोल्ड स्टोरेज को अपग्रेड कर सोलर एनर्जी से चलाने के लिए प्रपोजल मांगा गया है। उस पर कार्यवाही चल रही है। हिन्दुस्थान समाचार/महेन्द्र

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