5.75 करोड़ खर्च होने के बाद भी सीएचसी भवन अधूरा

5.75 करोड़ खर्च होने के बाद भी सीएचसी भवन अधूरा
5.75 करोड़ खर्च होने के बाद भी सीएचसी भवन अधूरा

खिड़की-दरवाजे खा गए दीमक, फर्श पर नहीं लगी टाईल्स खाली भवन में ग्रामीण भर रहे भूसा मीरजापुर, 23 सितम्बर (हि.स.)। सीखड़ ब्लाक के बगहा ग्रामसभा में निर्माणाधीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र वाकई वीरबल की खिचड़ी बन चुका है। लगभग 12 वर्ष पहले रखी गई सीएचसी भवन के निर्माण की नींव आज तक अपने अंजाम तक पहुंचने के इंतजार में है। कार्यदायी संस्था निर्माण निगम को 5.75 करोड़ रुपया सात साल पहले ही दिया जा चुका है। लगभग छह साल पहले से निर्माण कार्य पूरी तरह से बंद है। कार्यदायी संस्था लापता है। अधूरे अस्पताल भवन परिसर में जंगली घास-फूस का साम्राज्य है। गांव वाले खाली पड़े सीएचसी भवन में भूसा आादि रखने का कार्य कर रहे हैं। स्टाफ रूम, वार्ड, ओपीडी आदि का निर्माण तो किया गया लेकिन फर्श, टाइल्स, खिड़की, दरवाजा, वायरिंग, प्लंबर, बाउंड्री वाल निर्माण कार्य किया ही नहीं गया। भवन में जो खिड़की के पल्ले थे, तोड़ ले गए। ओवर हेड टैंक निर्माण कर पाईप लाईन से पानी की आपूर्ति करने के लिए दौड़ाई गई पाइप लाइन सड़ कर अपने आप गिर रही है। सरकारी धन किस तरह बर्बाद होता है इसे निर्माणाधीन सीएचसी बगहा के अधूरे भवन को देखकर आसानी से समझा जा सकता है। दो किस्त में दी गई धनराशि कार्यदायी संस्था निर्माण निगम को दो किस्तों में सीएचसी भवन निर्माण अदा की गई। दिए गए कुल 5.75 करोड़ की पहली किस्त के रूप में 3.85 करोड़ 2007 में दिया गया, 2011 तक कार्य चलता रहा। इसके बाद डेढ़ वर्ष तक निर्माण कार्य बंद रहा। 1.90 करोड़ रुपये 2013 में जारी की गई। धन मिलने के बाद धीमी गति से कार्य पांच महीने तक चलता रहा। सरकारी धन के दुरूपयोग की जांच कराने की मांग क्षेत्र के लोगों को अधूरे सीएचसी भवन को देख टीस पैदा कर रही है। क्षेत्रीय ज्ञानधर शुक्ला, शीतलेश्चर पाठक, सुरेन्द्र शुक्ला, सुशील कुमार सिंह मेजर आदि ने डीएम सुशील कुमार पटेल का ध्यान आकृष्ट कराते हुए सीएचसी में हुए सरकारी धन के दुरूपयोग की जांच करवा कर दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई करने की मांग की है। हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/विद्या कान्त-hindusthansamachar.in

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