102-and-108-ambulance-service-made-39boon39-for-public-in-up
102-and-108-ambulance-service-made-39boon39-for-public-in-up

उप्र में जनता के लिये ‘वरदान’ बनी 102 व 108 एम्बुलेंस सेवा

- प्रदेश भर में मरीजों से सेवा में जुटी 102 सेवा की 2270 व 108 सेवा की 2200 एम्बुलेंस - 108 सेवा की 50 प्रतिशत एम्बुलेंस कोविड मरीजों के लिए लगीं - मरीजों के बेड मिलने तक अस्पताल का काम करती हैं अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस ये एम्बुलेंस - कोरोना महामारी को देख दिन रात सेवा में जुटे 16 हजार से अधिक एम्बुलेंस कर्मी - मुख्यमंत्री योगी ने एम्बुलेंस सेवा के रिस्पान्स टाइम को कम करने के दिये कड़े निर्देश लखनऊ, 25 अप्रैल (हि.स.)। कोरोना काल में योगी सरकार की निःशुल्क 102 व 108 एम्बुलेंस सेवा फ्रंट वॉरियर्स की तरह समूचे उत्तर प्रदेश में मरीजों को सेवाएं उपलब्ध कराने में दिन-रात जुटी हैं। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए प्रदेश भर में इन दोनों एम्बुलेंस सेवाओं में लगे 16 हजार से अधिक कर्मचारियों की छुट्टी रद करने का आदेश जारी किया गया है। जिससे मरीजों को अस्पताल तक इलाज के लिये पहुंचाने में देरी की कोई संभावना न रहे। सरकार ने एम्बुलेंस सेवा के रिस्पांस टाइम को कम करने के भी निर्देश जारी किये हैं। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि उप्र सरकार की प्राथमिकता बीमारी से ग्रसित प्रत्येक व्यक्ति को जल्द से जल्द घर से अस्पताल तक पहुंचने की सुविधा देना और तत्काल इलाज दिलवाना है। कोरोना संक्रमित हों या किसी अन्य गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीज योगी सरकार की ओर से दी गई 102 व 108 एम्बुलेंस सेवा जनता के लिये वरदान साबित हो रही है। प्रवक्ता ने कहा कि एम्बुलेंस सेवा एक ऐसी सेवा है जो शहरों और गांव में आपातकालीन सेवाएं मुहैया कराती है। योगी सरकार में यह व्यवस्था की गई है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार की मेडिकल इमर्जेंसी के समय सरकारी अस्पताल जाने के लिये 108 पर नंबर कॉल करके एम्बुलेंस सेवा प्राप्त कर सकता है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं और दो साल तक के बच्चों के लिये 102 नंबर डायल कर घर से अस्पताल ले जाने और अस्पताल से वापिस घर जाने के लिये एम्बुलेंस सेवा की सुविधा दी है। एक माह में लाखों कोविड मरीजों को दी सुविधा उन्होंने बताया कि 22 मार्च से 22 अप्रैल तक प्रदेश भर में 108 एम्बुलेंस सेवा ने 209484 मरीजों को सेवा प्रदान की। जबकि अन्य बीमारियों से ग्रसित 2078190 मरीजों को उपचार दिलाने का काम किया। इस दौरान 102 एम्बुलेंस ने कोविड छोड़कर अन्य 4668670 मरीजों को उपचार दिलाया। एएलएस सेवा के तहत 250 एम्बुलेंस ने 42113 कोविड मरीजों व अन्य बीमारियों से ग्रसित 101826 रोगियों को अस्पताल पहुंचाया। इस अवधि में 108 एम्बुलेंस सेवा ने कोविड के कुल 251597 मरीजों को एम्बुलेंस सेवा ने सुविधा दी। अन्य बीमारियों से ग्रसित 68 लाख से अधिक मरीजों को सरकार की एम्बुलेंस सेवा ने मदद पहुंचाई है। बेड न मिलने तक अस्पताल की तरह काम कर रहीं एम्बुलेंस प्रवक्ता के अनुसार प्रदेश के विभिन्न जिलों में कोविड या अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों को उनके घर से अस्पताल तक पहुंचाना और बेड मिलने तक एम्बुलेंस में अस्पताल जैसी सुविधाएं देने का कार्य भी किया जा रहा है। अनुभवी कर्मचारियों को इस सेवा में जुटाया गया है, जिससे मरीजों को बेड मिलने में होने वाली देरी के दौरान एम्बुलेंस में ही उनको प्राथमिक इलाज दिलाकर उनकी जान को बचाया जा सके। कर्मचारियों का भी रखा जा रहा ख्याल, चाय की जगह मिल रहा काढ़ा उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से एम्बुलेंस सेवा में जुटे कर्मचारियों व अधिकारियों का भी ख्याल रखा जा रहा है। कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर ड्यूटी कर रहे कर्मचारी-अधिकारियों की समय-समय पर कोविड जांच हो रही हैं। सभी कर्मियों की नियमित थर्मल स्केनिंग के बाद ही उनको ड्यूटी पर भेजा जा रहा है। काल सेंटर में दिन में दो बार चाय की जगह काढ़ा दिया जा रहा है। डबल मास्क पहन कर आर हे कर्मचारी। एम्बुलेंस के रिस्पान्स टाइम को कम करने के निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एम्बुलेंस के रिस्पान्स टाइम को कम किया जाने पर जोर दिया है। रविवार को टीम 11 के साथ बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार हर नागरिक को उचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए संकल्पित है। धैर्य और संयम बनाये रखते हुए सभी लोग कोविड प्रोटोकॉल को सख्ती से अमल में लाएं। योगी ने कहा कि कोविड प्रबंधन में इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की महत्वपूर्ण भूमिका है। इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से बेड आवंटन की जानकारी, समय पर एम्बुलेंस की उपलब्धता आदि व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराई जा रही हैं। ‘108’ एम्बुलेंस सेवा की 50 प्रतिशत एम्बुलेंस का उपयोग कोविड मरीजों के लिए किया जा रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/ पीएन द्विवेदी

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in