सर्वपितृ अमावस्या के साथ श्राद्ध पक्ष संपन्न
सर्वपितृ अमावस्या के साथ श्राद्ध पक्ष संपन्न

सर्वपितृ अमावस्या के साथ श्राद्ध पक्ष संपन्न

जोधपुर, 17 सितम्बर (हि.स.)। भाद्रपद पूर्णिमा से शुरू हुए श्राद्ध पक्ष का अंतिम दिवस गुरुवार को सर्वपितृ अमावस्या के रूप में मनाया गया। इसी के साथ श्राद्ध पक्ष भी संपन्न हो गया। सर्वपितृ श्राद्ध पर शहर के पवित्र जल सरोवरों में हजारों लोगों ने तर्पण कर पितृऋण मुक्ति की कामना की। लोगों ने अपने पूर्वजों का विधि-विधान से पूजन किया और पिंड दान, हवन, तर्पण किए। पंडितों के अनुसार जो जातक अपने कुल के ज्ञात-अज्ञात, भूले चूके पितरों का श्राद्ध नहीं कर पाया वह सर्वपितृ अमावस्या के दिन उनको जलांजलि देकर श्राद्ध करता है। इस दिन शहर के कई जल सरोवरों पर विशेष व्यवस्था की गई। भारतीय सनातन संस्कृति में दिवंगत पूर्वजों की आत्मिक शांति तथा उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करने से जुड़ा पर्व कनागत (श्राद्ध पक्ष) आश्विन अमावस्या गुरुवार को सर्वपितृ अमावस्या के रूप में मनाया गया। गुरुवार को जातकों ने शहर के प्रमुख जलाशयों पर सामूहिक रूप से तर्पण कर दिवंगत पूर्वजों को जलांजलि दी। बता दे कि इस बार इस बार महालय पितृ पक्ष सोलह के बजाय सत्रह दिन का रहा। इस दौरान एक तिथि चार सितंबर को रिक्त मानी गई। इस दिन कोई श्राद्ध नहीं था। इस बार श्राद्ध पक्ष और नवरात्र के बीच आश्विन अधिकमास आ रहा है। ऐसे में 19 साल बाद श्राद्ध पक्ष और शारदीय नवरात्र में एक माह का अंतर रहेगा। श्राद्ध पक्ष आज संपन्न हो गया। इसके बाद 18 सितंबर से 16 अक्टूबर तक आश्विन अधिकमास रहेगा। अधिकमास को पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। हिन्दुस्थान समाचार/सतीश/संदीप-hindusthansamachar.in

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