सरकार के सियासी घमासान में फिर फंसे कॉलेज विद्यार्थी’
सरकार के सियासी घमासान में फिर फंसे कॉलेज विद्यार्थी’

सरकार के सियासी घमासान में फिर फंसे कॉलेज विद्यार्थी’

झुंझुनू,15 जुलाई(हि.स.)। राजस्थान में सरकार को लेकर चल रही उठा पटक के बीच एक बार फिर कॉलेज विद्यार्थी असमंजस में हैं। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के चलते राज्य सरकार ने महाविद्यालयों के सभी विद्यार्थियों को स्थाई रूप से अगली कक्षा में प्रमोट करने की बात कही थी। लेकिन उसके बाद यूजीसी ने अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित करवाना अनिवार्य बता दिया। तब से विद्यार्थी अधरझूल स्थिति में हैं। यूजीसी की नई गाइडलाइन आने के सप्ताह भर बाद भी राज्य सरकार इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं ले पाई है। हालांकि उच्च शिक्षा मंत्री भंवरसिंह भाटी ने प्रदेश के वर्तमान हालातों के बीच अंतिम वर्ष की परीक्षा नहीं करवाने को लेकर यूजीसी को एक पत्र भेजा है। लेकिन इस पर अभी तक कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया गया है। इसी दौरान प्रदेश में सरकार को लेकर मचे सियासी घमासान से यह फैसला फिर से अटक गया है। जिससे विद्यार्थी अब और अधिक असमंजस में नजर आ रहे हैं। कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव के कारण प्रदेश में कोरोना पाजिटिव के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। इस दौरान यदि परीक्षा करवाई जाती है तो इसके पहले सरकार को विद्यार्थियों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए सुरक्षा व्यवस्था का बंदोबस्त करना जरूरी है। सोशल डिस्टेंस में परीक्षा करवाने के साथ कॉलेज के बाहर जमा होने वाली विद्यार्थियों की भीड़ को लेकर भी पुख्ता इंतजाम करना होगा। इसके अलावा सेनेटाइजर व मास्क की अनिवार्यता के साथ बिमा पॉलिसी जैसे नियम भी लागू करने चाहिए। सितंबर के अंतिम वर्ष में परीक्षा आयोजित करवाई जाती है तो परिणाम में भी देरी होगी। और नया सत्र प्रारंभ में देरी होगी। इसके अलावा देरी से ग्रेजुएशन डिग्री आने पर भी विद्यार्थियों के लिए परेशानी होगी। हिन्दुस्थान समाचार / रमेश सर्राफ/ ईश्वर-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in