श्रीनाथजी मंदिर में आगामी वर्ष में पैदावार का लगाया गया पूर्वानुमान
श्रीनाथजी मंदिर में आगामी वर्ष में पैदावार का लगाया गया पूर्वानुमान

श्रीनाथजी मंदिर में आगामी वर्ष में पैदावार का लगाया गया पूर्वानुमान

राजसमंद, 07 जुलाई (हि.स.)। नाथद्वारा में प्रतिवर्ष आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को श्रीनाथजी मंदिर के ‘खर्च भण्डार’ में प्राचीन परंपरानुसार विभिन्न धान्यादी भौतिक वस्तुओं के तौल से आगामी वर्ष में पैदावार एवं व्यापार के लिए पूर्वानुमान लगाया जाता है जिसे ‘आषाढ़ी तौलना’ कहते हैं। सोमवार पूर्णिमा पर तौल कर रखे धान आदि वस्तुओं को मंगलवार सुबह ग्वाल के दर्शनों में पुनः श्रीजी के मुख्य पंड्या के सांनिध्य में खर्च भंडार के भंडारी, कर्मचारी आदि की उपस्थिति में तौला गया। इसके आधार पर इस वर्ष धान्य की पैदावार उत्तम बतायी गयी है। वर्षा सामान्य (आषाढ़ में दो आना, श्रावण में तीन आना, भाद्रपद (भादवा) में पांच आना आसोज में तीन आना एवं वायु दक्षिण-पश्चिम दिशा की होगी। मनुष्य में पोण रत्ती एवं पशुधन में पाव रत्ती की गुड़ में आधा रत्ती की एवं घास में एक रत्ती की घटोत्तरी होगी। परम्परानुसार श्रीनाथजी मंदिर में हर वर्ष छोटे-बड़े विभिन्न पात्रों में भर कर मूंग हरा, मक्की (सफेद व पीली), बाजरा, ज्वार, साल (सफेद व लाल), चमला (छोटा व मोटा), तिल्ली (सफेद व काली), उड़द, मोठ, ग्वार, कपास्या (कपास), जव (जौ), गेहूं (काठा व चंद्रेसी), चना (पीला व लाल), सरसों (पीली व लाल), गुड, नमक, काली मिट्टी (मनुष्य के भाव से), लाल मिट्टी (पशु आदि के भाव से) एवं घास (चारा) आदि 27 भौतिक सामग्रियों को श्रीजी के मुख्य पंड्या व खर्च भंडारी आदि की देखरेख में तौल कर खर्च भण्डार के एक कोठे में रख दिया जाता हैं। अगले दिन श्रावण कृष्ण प्रतिपदा के दिन उन सभी पात्रों में रखी वस्तुओं को पुनः श्रीजी के मुख्य पंड्या आदि के सानिध्य में तौला जाता है। इन में हुई वृद्धि अथवा कमी के आधार पर आने वाले वर्ष में फसलों, धन-धान्य, पशुओं के चारे, आपदाओं, वर्षा की मात्रा, वायु का रुख आदि का अनुमान लगाया जाता है जो कि कई हद तक आने वाले समय का सटीक फलित करता है। हिंदुस्थान समाचर / रंजिता/ ईश्वर-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in