शिक्षा जगत के अपमान पर शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का पुतला जलाया, माफी नहीं मांगी तो करेंगे मानहानि का मुकदमा
शिक्षा जगत के अपमान पर शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का पुतला जलाया, माफी नहीं मांगी तो करेंगे मानहानि का मुकदमा

शिक्षा जगत के अपमान पर शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का पुतला जलाया, माफी नहीं मांगी तो करेंगे मानहानि का मुकदमा

बीकानेर, 07 नवम्बर (हि.स.)। राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा स्कूलों को धंधा कहने को लेकर पूरे राज्य में उनकी किरकिरी तो हो ही रही है, इस बयान को लेकर उनका जबर्दस्त विरोध भी शुरू हो गया है। शनिवार को राजधानी जयपुर सहित राज्य के लगभग हर जिले में शिक्षा मंत्री के पुतले फूंके गए और उनके इस बयान को लेकर उनसे माफी मांगने और इस्तीफा देने की मांग की गई। शिक्षा बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति के मुख्य संयोजक गिरिराज खैरीवाल ने कहा कि शिक्षा मंत्री द्वारा शिक्षा जैसे नोबल प्रोफेशन को धंधा कहना समस्त शिक्षा जगत का सरासर अपमान है। खैरीवाल ने कहा कि शिक्षा मंत्री को अपने इस बयान के संबंध में तुरंत प्रभाव से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने बताया कि यदि शिक्षा मंत्री ने अपने इस बयान के संबंध में माफी नहीं मांगी तो राज्य के गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं द्वारा उनके विरुद्ध मानहानि का दावा किया जाएगा। साथ ही खैरीवाल ने कहा कि प्राइवेट स्कूलें अभी बोर्ड का फार्म भरने में असमर्थ है। उन्होंने कहा कि जब तक फीस के मुद्दे का समाधान नही हो जाता जिसमें विगत सत्र के बकाया का भुगतान, आरटीई के पिछले 3 वर्षों का बकाया भुगतान व इस सत्र की फीस का समाधान एवं कक्षा 1 से 12वीं तक कि क्लासेज का फिजिकल संचालन नही हो जाता तब तक स्कूलें बोर्ड के फॉम्स भरने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा कि विगत 7 महीनों से प्राइवेट स्कूलों में कार्यरत 11 लाख कर्मचारियों के जीवन यापन की समस्या आ गई है। अब तक स्कूलों ने अपने सामथ्र्य के अनुसार वेतन देकर या आगे मिलने का आश्वासन देकर 90 लाख बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई को निरंतर जारी रखा व स्कूल के अन्य समस्त खर्चे जिसमें सभी प्रकार के टेक्स, लोन की किस्तें, वाहनों का इंश्योरेंस, बिजली पानी का कॉमर्शियल बिल व कर्मचारियों का वेतन देकर कार्य किया। जिसके चलते स्कूलें कर्जे में आ गई हैं। उन्होंने कहा कि बोर्ड प्रति वर्ष गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं से संबद्धता शुल्क के नाम पर दो हजार रुपये लेता है, यह संबद्धता शुल्क बोर्ड बेवजह लेता है और बोर्ड को इस वर्ष यह शुल्क भी माफ करना चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/ ईश्वर-hindusthansamachar.in

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