शारदीय नवरात्र शुरू:घर-घर हुई घट स्थापना के साथ मातारानी के गूंजे जयकारे
शारदीय नवरात्र शुरू:घर-घर हुई घट स्थापना के साथ मातारानी के गूंजे जयकारे

शारदीय नवरात्र शुरू:घर-घर हुई घट स्थापना के साथ मातारानी के गूंजे जयकारे

जयपुर,17 अक्टूबर(हि.स.)। शारदीय नवरात्रों का शनिवार से शुभारंभ हो गया। जिसके चलते राजधानी के मंदिर और घर—घर में घोड़े पर सवार होकर माता रानी भक्तों के घरों में विराजमान हो गईं। कोरोना के कारण अभी ज्यादातर बड़े मंदिर भक्तों के लिए नहीं खुले हैं। वहीं राजधानी जयपुर के सबसे बड़े शिला माता मंदिर 31 अक्टूबर तक के लिए भक्तों के लिए बंद रहा। हर साल नवरात्रि में शिला माता के दर्शनार्थ के लिए 5 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचते हैं। पंडित गौरव गौड ने बताया कि नवरात्रि स्थापना शनिवार शुभ- सुबह 7:56 से 9:22 तक, चर - दोपहर 12:12 से 1:37 तक,लाभ - दोपहर 1:38 से 3:04 तक,अमृत - दोपहर 3:05 से शाम 4:28 तक,अभिजीत मुहूर्त और दोपहर 11:49 से 12:35 तक रहा। आमेर मंदिर पुजारी बनवारी शर्मा ने बताया कि आमेर के शिला माता मंदिर में सुबह 7:05 बजे घटस्थापना की गई। कोरोना महामारी के कारण शिला माता मंदिर भक्तों के लिए नवरात्रि में बंद रहेगा। माता रानी के विशेष आस्था का केंद्र रहने वाला छठ का मेला भी इस बार नहीं भरेगा। नवरात्रि के 9 दिन तक पूजन, हवन और पाठ इत्यादि यथावत होंगे। 23 अक्टूबर को सप्तमी को निशा पूजन रात्रि 10:00 बजे होगा। हवन की पूर्णाहुति 24 अक्टूबर अष्टमी को शाम 4:30 बजे होगी। नवरात्रि उत्थापन 26 अक्टूबर दशमी को सुबह 10:30 बजे होगा। प्राचीन दुर्गा माता मंदिर में घटस्थापना के बाद आम दर्शनार्थियों के लिए खुला दुर्गापुरा स्थित प्राचीन दुर्गा माता मंदिर में अश्विन मास प्रतिपदा को सुबह 7:00 बजे वैदिक मंत्रोच्चार के साथ घट स्थापना की गई। स्थापना के साथ ही नवदुर्गा जो कि माता के नौ रूप हैं, उनकी प्रतिदिन पूजा अर्चना की जाएगी। पुजारी भट्टाचार्य ने बताया पहले नवरात्र को घटस्थापना होने के बाद आम जनता के लिए मंदिर दर्शनों के लिए खोला गया। मंदिर में माता के दर्शन भक्त लोग 20 फुट की दूरी से किया। पांच-पांच लोगों को मंदिर में दर्शन करने की आज्ञा दी गई। जब 5 लोग बाहर निकले तब दूसरे 5 लोगों को अंदर प्रवेश दिया गया। प्रसाद, चुन्नी, नारियल नहीं चढ़ाई जा रहे और ना ही मंदिर से प्रसाद और चरणामृत दिया गया। मंदिर सुबह 6:00 से दोपहर 12:00 तक और शाम 4:00 से 8:00 तक दर्शनों के लिए खुलेगा। वहीं हर बार जो मेला भरता था वह इस साल नहीं भरेगा। केवल मंदिर में ध्वजा ही चढ़ाई गई। अष्टमी को रात्रि में पूर्णाहुति हवन किया जाएगा। पूजा पाठ किया जाएगा। हर वर्ष प्राचीन दुर्गा माता मंदिर के सिर्फ मेले में हर साल 50 हजार लोग दर्शनों के लिए पहुंचते रहे हैं। वहीं पंचवटी सर्किल स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर नवरात्रि स्थापना के साथ ही दर्शनार्थियों के लिए खोल दिया गया। दर्शनार्थी कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए दो गज दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) से माता के दर्शन करवाए गए। वैष्णव देवी सेवा समिति के अध्यक्ष सुभाष भाटिया ने बताया कि दर्शनों के दौरान प्रसाद, चुन्नी, नारियल आदि नहीं चढ़ाए गए। घटस्थापना शनिवार को शुभ मुहूर्त में दोपहर 12:51 बजे की गई। महाआरती दोपहर 1:30 बजे हुई। नवरात्रि में प्रतिदिन मंदिर के दर्शन का समय सुबह 6:30 से 11:30 बजे तक और शाम 5:30 बजे से रात 8:30 बजे तक रहेगा। गौरतलब है कि नवरात्र के दौरान हर साल वैष्णव माता की आरती में तीन-चार हजार लोग शामिल होते हैं लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते मंदिर के अंदर 10-10 जनों को ही जाने दिया जाएगा।इधर खोले के हनुमानजी मंदिर परिसर स्थित वैष्णो माता मंदिर गायत्री माता मंदिर अन्नपूर्णा माता और गंगा माता मंदिर में घट स्थापना की गई। नौ दिन तक शाम 6:00 से रात 10:00 बजे तक वैष्णो माता के मंदिर में दुर्गा सप्तशती के पाठ अन्नपूर्णा मंदिर में अन्नपूर्णा माता के पाठ पाठ किए जाएगे। हिन्दुस्थान समाचार/दिनेश/संदीप-hindusthansamachar.in

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