रात की बारिश से मिटे पगमार्क, पांचवें दिन भी पकड़ से दूर पैंथर
रात की बारिश से मिटे पगमार्क, पांचवें दिन भी पकड़ से दूर पैंथर

रात की बारिश से मिटे पगमार्क, पांचवें दिन भी पकड़ से दूर पैंथर

जालोर, 31 अगस्त (हि.स.)। जालोर जिले में पिछले 5 दिनों से वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई के गृह विधानसभा क्षेत्र में आतंक मचा रहे पैंथर को सोमवार को पांचवें दिन तक नहीं पकड़ा जा सका है। क्षेत्र में पैंथर की मौजूदगी के कारण लोगों में दहशत का माहौल है। पांच दिन पूर्व गुजरात की सीमा से जिले की सीमा में घुसे पैंथर का वन विभाग की टीम रेस्क्यू नहीं कर पाई है। पिछले गुरुवार की सुबह पैंथर वांक गांव में पहली बार दिखाई दिया था। देर रात्रि तक दांतिया से होते हुए बिछावाड़ी ग्राम पंचायत के पिथाणीयो की ढाणी से काछेला-बगसड़ी तक करीब 25-30 किमी का सफर तय करते हुए पहुंच गया। इसके बाद शुक्रवार सुबह से लेकर शाम तक रेस्क्यू टीम ने काछेला पॉवर प्लांट के पास पगमार्क के आधार पर उसे ट्रेंकुलाइज करने का प्रयास किया था, लेकिन सफलता नहीं मिली। रात होने तक घनी बबूल की झडिय़ो से पैंथर बाहर नहीं निकला, तो टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन बंद कर दिया। शनिवार को पैंथर के पगमार्ग चितलवाना के आसपास मिले, लेकिन किसी को दिखाई नहीं दिया। रविवार को पैंथर के पगमार्ग आकोली गांव की गोचर में मिले थे। इसके बाद वन विभाग की टीम ने खोजबीन शुरू की, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली। रविवार की रात हुई भारी बारिश के बाद अब पैंथर के पगमार्ग भी नहीं मिल रहे है, ऐसे में अब वन विभाग की टीम को पैंथर खोजने में परेशानी आ रही है। डीएफओ मंगल सिंह के अनुसार रेस्क्यू करने में कई परेशानियां आ रही है। जिस इलाके में अभी पैंथर की मौजूदगी है, वहां मुख्य तो बबूल की घनी झाडिय़ां, किसानों के खेतों में खड़ी फसलों के कारण पैंथर को छिपने की जगह आसानी से मिल रही है। इस कारण उसे ट्रेंकुलाइज नहीं किया जा पा रहा है। रविवार रात से हो रही लगातार बारिश के कारण सोमवार सवेरे टीम को पगमार्ग भी नहीं मिले। ऐसे में अब टीम पैंथर को खोज नहीं पा रही है। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ ईश्वर-hindusthansamachar.in

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