राजस्थान विद्यापीठ - 17 विषयों में दूरस्थ शिक्षा का ऐलान
राजस्थान विद्यापीठ - 17 विषयों में दूरस्थ शिक्षा का ऐलान

राजस्थान विद्यापीठ - 17 विषयों में दूरस्थ शिक्षा का ऐलान

उदयपुर, 08 नवम्बर (हि.स.)। जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ (डीम्ड टू बी विवि) 17 विषयों में दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम शुरू करेगा। यह निर्णय विद्यापीठ की एकेडमिक कौन्सिल की रविवार को प्रतापनगर स्थित प्रशासनिक भवन में हुई आनलाइन बैठक में किया गया। कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई नये पाठ्यक्रमों को संचालित करने की स्वीकृति दी गई। प्रो. सारंगदेवोत ने बताया कि विद्यापीठ द्वारा आगामी सत्र से यूजीसी से स्वीकृति मिलने के बाद 17 विषयों में आनलाइन व आफलाइन मोड में पूरे राजस्थान में सुदूर व ग्रामीण अंचल में रह रहे व्यक्ति तक शिक्षा की अलख जगाने के उद्देश्य से शिक्षा का प्रचार प्रसार शुरू किया जायेगा। इनमें यूजी, पीजी, बीएड, एमएड सहित विभिन्न विषयों में अध्यन कार्य कराया जायेगा। प्रो. सारंगदेवोत ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना को ध्यान में रखते हुए एक माह से चल रहे पीएचडी शोधार्थियों के कोर्स वर्क का आगामी 25 नवम्बर को आनलाइन परीक्षा कराई जायेगी। बीएससी एग्रीकल्चर महाविद्यालय में आगामी दिनों में निरीक्षण दल के आने की संभावना को देखते हुए नियमों के अनुसार सभी कार्य पूरे हों इसके लिए भी आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये। विद्यापीठ द्वारा निर्मित संग्रहालय का भी विस्तार किया जायेगा जिसमें राजस्थान विद्यापीठ का इतिहास, प्रागैतिहासिक राजस्थान, शैलचित्र व प्राचीन मुद्राओं को भी प्रदर्शित किया जा कर इसे आम जन के लिए खोले जाने की भी स्वीकृति प्रदान की गई। जनुभाई द्वारा स्थापित पीठों की पुनः स्थापना संस्थापक जनुभाई द्वारा स्थापित पीठ जिसमें मुंशी प्रेमंचद - हिन्दी व्याख्यानमाला, गौरीशंकर हीरा चंद ओझा - इतिहास, सूर्यमन मिश्रण - राजस्थानी व्याख्यानमाला को पुनः शुरू करने का निर्णय किया गया। इससे पूर्व 2014 में कविराव मोहन सिंह पीठ की स्थापना की गई थी। इन कोर्स एवं विभाग को किया प्रारंभ फिजियोथैरेपी चिकित्सा महाविद्यालय के अन्तर्गत गेरियेट्रिक्स फिजियोथैरेपी केयर, न्यूरोलाॅजिकल रिहेबिलिटेशन, हाॅस्पिटल मैनेजमेंट, होम्योपैथी चिकित्सा के अन्तर्गत कोग्नीटिव बिहेवियर थैरेपी पे्रक्टीशनर, होम्योपैथिक डर्मेटोलाॅजी, एडवांस होम्योपैथी, एग्रीकल्चर महाविद्यालय में नये विभाग जेनेटिक्स एवं प्लांट ब्रिडिंग, एग्रोनाॅमी, प्लांट पेथोलाॅजी, एन्टोमोलाॅजी, सोइल साइंस एवं एग्रीकल्चर केमेस्ट्री तथा होर्टिकल्चर व सोइल साइंस प्रारंभ करने की स्वीकृति दी गई। विज्ञान संकाय के अन्तर्गत स्टेटिस्टिक्स, एनवारमेंटल साइंस व बायो इन्र्फोमेटिक्स में एमएससी कोर्स प्रारंभ करने की स्वीकृति दी गई। इसके साथ साइंस व टेक्नालाॅजी में रिसर्च जर्नल प्रारंभ करने की स्वीकृति दी गई तथा विभिन्न अकादमिक संस्थानों व काॅरपोरेट संस्थानों के साथ एमओयूू करने की स्वीकृति दी गई। बैठक में पीजी डीन प्रो. जीएम मेहता, प्रो. गजेन्द्र माथुर, विशेषाधिकारी डाॅ. हेमशंकर दाधीच, डाॅ. शैलेन्द्र मेहता, मुख्य लेखाधिकारी डाॅ. हरीश शर्मा, डाॅ पारस जैन उपस्थित थे। हिन्दुस्थान समाचार/सुनीता कौशल/संदीप-hindusthansamachar.in

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