राजस्थान के 33 सरकारी स्कूल क्रमोन्नत
राजस्थान के 33 सरकारी स्कूल क्रमोन्नत

राजस्थान के 33 सरकारी स्कूल क्रमोन्नत

जयपुर, 07 अगस्त (हि. स.)। राज्य सरकार ने प्रदेश के 33 स्कूलों को क्रमोन्नत किया है। इनमें 14 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में क्रमोन्नत किए गए हैं वहीं 19 राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों को माध्यमिक विद्यालयों में क्रमोन्नत किया गया है। इन स्कूलों को इसी शिक्षा सत्र 2020-21 से शुरू किया जा सकेगा। माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने शुक्रवार दोपहर इस संबंध में आदेश जारी किए। आदेश के अनुसार राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों को माध्यमिक विद्यालयों में क्रमोन्नत किए गए विद्यालयों में सुविधा के मुताबिक नवीं और दसवीं कक्षा एक साथ शुरू की जा सकेगी। इन स्कूलों में वर्तमान में कार्यरत प्रधानाध्यापक और वरिष्ठ शिक्षकों को उसके विषय के वरिष्ठ शिक्षक के पद पर समायोजन किया जाएगा। इसी तरह राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में वर्तमान में कार्यरत शारीरिक शिक्षक ग्रेड थर्ड को क्रमोन्नत राजकीय माध्यमिक विद्यालय में शारीरिक शिक्षक के पद पर समायोजित किया जाएगा। क्रमोन्नत होने वाले राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत शिक्षक ग्रेड थर्ड, लेवल फस्र्ट और लेवल टू के ऐसे अध्यापक जिनके सेटअप में बदलाव हो गया है, उनका समायोजन क्रमोन्नत राजकीय माध्यमिक विद्यालय में उनके विषय के स्वीकृत पद पर किया जाएगा। शेष शिक्षक ग्रेड थर्ड लेवल वन और टू के अध्यापकों की प्रविष्ठि शाला दर्पण में 3बी में की जाएगी और यह अध्यापक 6डी की कार्यवाही होने तक और अन्य शिक्षकों के पदस्थापन होने तक क्रमोन्नत स्कूल में ही कार्य करते रहेंगे। आदेश के अनुसार बाड़मेर, चूरू, नागौर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ में एक-एक स्कूल, डूंगरपुर में तीन, झुंझुनूं में दो और सीकर के 9 स्कूलों को क्रमोन्नत किया गया है। इसी प्रकार 14 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में क्रमोन्नत किया गया है। इनमें सुविधा के मुताबिक 11वीं और 12वीं कक्षा एक साथ शुरू की जा सकेंगी। चूरू, हनुमानगढ़ और झुंझुनू के दो-दो, डूंगरपुर के तीन, सीकर के पांच राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में क्रमोन्नत किया गया है। सभी स्कूलों में कला संकाय स्वीकृत किया गया है। कला संकाय के तीन ऐच्छिक विषयों का निर्धारण विद्यार्थियों की आवश्यकता और रुचि को देखते हुए किया जाएगा। स्टाफिंग पैटर्न के मुताबिक नवक्रमोन्नत उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रथम वर्ष में केवल ऐच्छिक विषयों के व्याख्याता ही दिए जाएंगे। अनिवार्य विषयों के लिए व्याख्याता की जगह वरिष्ठ अध्यापक दिए जाएंगे। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप-hindusthansamachar.in

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