मोदी सरकार ने तो एमएसपी बढ़ा दी लेकिन गहलोत सरकार खरीद ही नहीं रही है धान- चौधरी
मोदी सरकार ने तो एमएसपी बढ़ा दी लेकिन गहलोत सरकार खरीद ही नहीं रही है धान- चौधरी

मोदी सरकार ने तो एमएसपी बढ़ा दी लेकिन गहलोत सरकार खरीद ही नहीं रही है धान- चौधरी

दिल्ली/जयपुर, 04 नवम्बर (हि.स.)। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि सुधार कानून के खिलाफ गहलोत सरकार द्वारा लाए गए कृषि बिलों सहित राजस्थान के किसानों को रबी की फसलों का समर्थन मूल्य नहीं मिलने को लेकर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस सरकार पर हमला बोला है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से 6 रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी के बावजूद प्रदेश के किसानों की उपज की खरीद नहीं होना कांग्रेस सरकार की हठधर्मिता और किसान विरोधी सोच को दर्शाता है। केंद्र सरकार की ओर से जिन फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया गया हैं, उनकी पूरी खरीद नहीं होने से किसानों को उपज औने-पौने दामों में बेचनी पड़ रही है। केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने और खेती किसानी को लाभ का सौदा बनाने के लक्ष्य के तहत केंद्र सरकार प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान चला रही है। खरीफ फसलों में जिन उपजों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया है, राज्य की कांग्रेस सरकार की ओर से उनकी रिपोर्ट केंद्र सरकार को नहीं भेजने के कारण उनकी खरीद नहीं होने से किसानो को अपना बाजरा 1100 रुपये प्रति क्विंटल से कम दामों में बेचना पड़ रहा है, जबकि इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य 2150 रुपये प्रति क्विंटल घोषित है। चौधरी ने कहा कि देश का आधे से ज्यादा बाजरे का उत्पादन राजस्थान में होता है। इस साल भी राजस्थान में 43.64 लाख मीट्रिक टन बाजरा उत्पादन का अनुमान है। परंतु चुनावों और आपसी गुटबाजी में व्यस्त गहलोत सरकार को किसानों की चिंता से कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने ने केंद्र सरकार के कानूनों के खिलाफ संशोधन विधेयक लाए जाने के लेकर गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसानों का जीवन बदलने के लिए अगर सही मायने में किसी ने काम किया है तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। मोदी सरकार ने इस वर्ष न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी करके किसानों को राहत देने का काम किया है लेकिन राज्य सरकार अपनी जरूरतों के हिसाब से केंद्र को रिपोर्ट भी नहीं भेज पा रही है। इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। नया कृषि सुधार कानून लाने के पीछे भी मोदी सरकार का उद्देश्य किसानों को अपनी उपज बेचने के असीमित विकल्प उपलब्ध कराना है। इससे किसान अपनी मनपसंद जगह और रेट पर किसी को भी अपनी फसल बेच सकता था लेकिन गहलोत सरकार ने इसके खिलाफ बिल लाकर किसानों को इस लाभ से वंचित करने का काम किया है। साजिश के तहत किसानों भड़का रही है कांग्रेस : केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री ने कहा कि देश के बीते सभी चुनावों में यह साफ दिख रहा है कि कांग्रेस समाज के हर उस वर्ग को भड़काती रही है जो भारतीय जनता पार्टी का समर्थक है। केंद्र सरकार के नए कृषि सुधार कानून के खिलाफ किसान आंदोलन के नाम पर भोले-भाले किसानों को भड़काया जा रहा है। जाहिर है कांग्रेस की राजनीति के कारण किसानों का न सिर्फ नुकसान हो रहा है बल्कि उन्हें बदनाम भी किया जा रहा है। कांग्रेस किसानों के नाम पर राजनीति करने और भावनाएं भड़काने का काम काम कर रही है। उसकी सोच केवल भाषणों और जुबानी सहानुभूति तक ही सीमित है, क्योंकि उसका एजेंडा स्पष्ट है। इसी तरह अभी गहलोत सरकार द्वारा केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ बिल लाने का उद्देश्य पंचायतीराज चुनाव में ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को बरगलाना है। परंतु राजस्थान की जनता कांग्रेस की इस चाल को समझ चुकी है और इन चुनावों में भाजपा को जिताकर उसे करारा सबक सिखाएगी। हिन्दुस्थान समाचार/ ईश्वर/संदीप-hindusthansamachar.in

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