मेयर और सभापति के पदों पर लॉटरी से दिया जाएगा आरक्षण
मेयर और सभापति के पदों पर लॉटरी से दिया जाएगा आरक्षण

मेयर और सभापति के पदों पर लॉटरी से दिया जाएगा आरक्षण

जयपुर, 15 अक्टूबर (हि.स.)। प्रदेश की नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषदों में मेयर और सभापति के पदों पर आरक्षण के मामले में राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट में जवाब पेश किया गया है। राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि वर्ष 1999 में मेयर और चेयरमेन के पदों पर आरक्षण को रोटेशन से देने की जो व्यवस्था चली आ रही थी, उसे गत 13 अक्टूबर को अधिसूचना जारी कर भूतलक्षी प्रभाव से रद्द कर दिया गया है। इसके अलावा नियम छह को संशोधित कर आरक्षण में लॉटरी का प्रावधान कर दिया है। इसके अलावा हर जनगणना के बाद आरक्षण की इस व्यवस्था को नए सिरे से पुन: शुरू किया जाएगा। वहीं याचिकाकर्ता कमल राठौर व अन्य की ओर से अधिवक्ता डॉ. अभिनव शर्मा ने प्रार्थना पत्र पेश कर कहा गया कि राज्य सरकार का यह कृत्य मनमाना है। सरकार ने हाईकोर्ट में सुनवाई से ठीक पहले पूरी प्रक्रिया को वैधता देते हुए कानून पारित कर दिया है। जिसे तीस अक्टूबर 1999 से लागू किया गया है। ऐसे में इस पर रोक लगाई जानी चाहिए। हाईकोर्ट प्रकरण में 19 अक्टूबर को सुनवाई करेगा। याचिका में कहा गया है कि चुनावों में एससी व एसटी वर्ग की जनसंख्या व रोस्टर के आधार पर बारी-बारी से सभी नगर निगम, पालिका और परिषदों में मेयर व सभापति के पद आरक्षित रखने चाहिए थे। इसके बावजूद राजनीतिक कारणों के चलते इनके आरक्षण को हर चुनाव में कुछ चुनिंदा सीटों तक ही सीमित कर दिया जाता है। जिसके चलते न तो इन चुंनिदा सीटों पर कभी सामान्य वर्ग का उम्मीदवार आ पाता है और ना ही दूसरी सीटों पर आरक्षित वर्ग को आरक्षण का लाभ मिल पाता है। हिन्दुस्थान समाचार/ पारीक/ ईश्वर-hindusthansamachar.in

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