मिठाई पर उपभोग की अंतिम तिथि दर्शाने के नियम को सांसद ने बताया अव्यवहारिक

मिठाई पर उपभोग की अंतिम तिथि दर्शाने के नियम को सांसद ने बताया अव्यवहारिक
मिठाई पर उपभोग की अंतिम तिथि दर्शाने के नियम को सांसद ने बताया अव्यवहारिक

अजमेर, 26 सितम्बर(हि.स.)। अजमेर के सांसद भागीरथ चौधरी ने केंद्रीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिख कर त्योंहार शुरू होने से पहले भारतीय बाजार में मिठाई निर्माताओं को राहत देने की मांग की है। सांसद ने स्वास्थ्य मंत्री से कहा कि मिठाई के बनाने और उसके उपयोग की अंतिम तिथि दर्शाने के नियम को निरस्त किया जाए क्यों कि यह व्यवहारिक नहीं है। उन्होंने पत्र में बताया कि भारतीय खाद्य संस्था एवं मानक प्राधिकरण ने गत 24 फरवरी को आदेश जारी कर मिठाइयों के बनाने और उसके उपभोग की अंतिम तिथि का प्रमुखता से उल्लेख करने के आदेश जारी किए थे। यह आदेश मिठाई की दुकानों पर 1 जून से लागू हो गया था। सांसद भागीरथ चौधरी ने आश्चर्य व्यक्त किया कि देश में ऐसा कोई भी नियम विदेशी व अन्य खुली किसी भी खाद्य वस्तुओं पर नहीं है। उन्होंने इस नियम को अव्यवहारिक बताते हुए कहा कि इससे देश में व्यापारी के लिए व्यापार को जटिल बनाने और इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा देने जैसा है। त्योंहारी सीजन में यह नियम व्यापारिक माहौल को खराब करने वाला है। उन्होंने व्यापारियों की वकालत करते हुए कहा कि वैसे ही कोरोना महामारी में उत्पन्न विशेष परिस्थितियों में जब व्यवसाय को बचाना ही अधिक जरूरी है। चौधरी ने इस नियम को निरस्त करने का आग्रह करते हुए कहा कि वर्तमान में यह कदम न सिर्फ भारतीय देशी मिठाई निर्माताओं के लिए अच्छा होगा बल्कि भारतीय सांस्कृतिक उद्यमों को उत्साहित भी करेगा। ज्ञातव्य है कि देशी मिठाई विक्रेता संघ ने सांसद से मुलाकात कर इस नियम को जल्द से जल्द हटाने का आग्रह किया था जिससे त्योंहारों पर मिठाई बनाया जाना बाजार की जरूरत के अनुसार शुरू किया जा सके। हिन्दुस्थान समाचार/संतोष/ ईश्वर-hindusthansamachar.in

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