भयंकर मंदी की मार झेल रहे उद्योग व व्यापार को वैट ऑडिट से राहत दिलाने की मांग
भयंकर मंदी की मार झेल रहे उद्योग व व्यापार को वैट ऑडिट से राहत दिलाने की मांग

भयंकर मंदी की मार झेल रहे उद्योग व व्यापार को वैट ऑडिट से राहत दिलाने की मांग

बीकानेर, 21 सितम्बर (हि.स.)। एक ओर जहां पूरा विश्व कोरोना महामारी से भयभीत है और पूरे भारत का उद्योग व व्यापार भयंकर मंदी की मार झेल रहा है, दूसरी ओर वाणिज्य कर विभाग धारा 27 में बिजनेस ऑडिट वर्ष 2017-18 के नोटिस जारी कर उद्यमी व व्यापारी में भय फैला रहा है। केंद्र व राज्य सरकार जहां एक और उद्योग व व्यापार को बढावा देने के लिए नई नई नीतियांं जारी कर रही है। वहीं दूसरी ओर सरकारों को आर्थिक रूप से सम्बल देने वाले व्यापारी व उद्यमी वर्ग को विभागीय नोटिस थमाकर भयभीत किया जा रहा है। जबकि समय सीमा 5 वर्ष होने से वर्ष 2017-18 की ऑडिट अभी कालातीत नहीं हो रही है। बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया, विनोद गोयल, दिलीप रंगा, नरेश मित्तल व अनंतवीर जैन ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, वाणिज्य कर विभाग राजस्थान, जयपुर के आयुक्त व राज्य कर विभाग के संयुक्त आयुक्त (प्रशासन) बीकानेर को पत्र भिजवाकर कोरोना महामारी को देखते हुए वाणिज्य कर विभाग द्वारा वर्ष 2017-18 की वैट ऑडिट के लिए भिजवाए गए नोटिसों से उद्योग व व्यापार जगत को राहत प्रदान करने बाबत निवेदन किया है। पत्र में बताया गया कि विभाग द्वारा कर दाताओं को ऑडिट के लिए बही खाते लेकर विभाग में बुलाया जा रहा है। इन कर दाताओं में ज्यादातर वरिष्ठ उद्यमी व व्यापारी शामिल है जिनके लिए इस महामारी में बाहर निकलना राज्य सरकार के आदेशों की अवहेलना होगी, लेकिन इसका ध्यान नहीं रखते हुए विभाग द्वारा ऑडिट के नाम पर वरिष्ठ उद्यमी व व्यापारी की सुरक्षा को ताक पर रखते हुए उन्हें विभाग में आने को मजबूर किया जा रहा है। वर्तमान में कोरोना महामारी के कारण लगभग सभी उद्योग धंधे बंद होने के कगार पर आ गये हैं और अब केवल अपने अस्तित्व को बचाने के लिए प्रयासरत है। ऐसे में विभाग द्वारा सहयोग ना करके मानव जीवन को खतरे में डालने का काम किया जा रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/संजय/संदीप-hindusthansamachar.in

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