बीकानेर में प्राइवेट स्कूल्स के शिक्षकों एवं संचालकों ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी
बीकानेर में प्राइवेट स्कूल्स के शिक्षकों एवं संचालकों ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी

बीकानेर में प्राइवेट स्कूल्स के शिक्षकों एवं संचालकों ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी

बीकानेर, 20 जुलाई (हि.स.)। कोरोना की वजह से पिछले चार महीनों से राज्य के समस्त स्कूल्स बंद हैं और अभी यह किसी को भी नहीं पता कि यह आकस्मिक बंद कब खुलेगा। ऐसी संकट की स्थिति में पिछले दिनों राजस्थान के शिक्षामंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा द्वारा जारी किये गये बयान व लिखित आदेश के बाद में प्राइवेट स्कूलों में स्थिति और ज्यादा खराब हो चुकी है। प्राईवेट स्कूल्स के शिक्षकों व संचालकों में शिक्षामंत्री के तुगलकी फरमान को लेकर अत्यधिक रोष है। प्राईवेट स्कूलों की हाल ही में गठित राज्यस्तरीय संगठनों की शिक्षा बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति ने सोमवार को बीकानेर मेें पत्रकार सम्मेलन में ऐलान किया कि यदि सरकार ने शिक्षामंत्री के इस हिटलरी आदेश को निरस्त कर प्राईवेट स्कूल्स के शिक्षकों व संचालकों के प्रति संवेदनशीलता व सकारात्मक रवैया नहीं दिखाया तो सरकार एक उग्र आंदोलन के लिए तैयार रहे। संघर्ष समिति की मुख्य समन्वयक और स्कूल क्रांति संघ की प्रदेशाध्यक्ष हेमलता शर्मा ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि एक ओर ऑनलाइन क्लासेज अप्रैल माह से यथावत जारी है। शिक्षक निरंतर क्लासेज ले रहे हैं। लेकिन शिक्षामंत्री द्वारा दिये गये निर्देश से जो अभिभावक सक्षम हैं वे भी फीस जमा नहीं करा रहे हैं जिससे प्राइवेट स्कूल अपने शिक्षकों को वेतन तक नहीं दे पा रहे हैं जिसके चलते राजस्थान में लगभग 11 लाख कर्मचारी जिसमें शिक्षक, गैर शिक्षक, सफाईकर्मी, सुरक्षाकर्मी, ड्राइवर्स व शिक्षा से जुड़े तमाम वे लोग जो प्राइवेट स्कूलों से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं, बहुत ही बुरे हाल में हैं। संघर्ष समिति के मुख्य संयोजक एवं प्राईवेट एज्यूकेशनल इंस्टीट्यूट्स प्रोसपैरिटी एलायंस (पैपा) के प्रदेश समन्वयक गिरिराज खैरीवाल ने कहा कि प्राईवेट स्कूलों की जायज मांगों के निस्तारण के लिए सरकार से निवेदन किया है कि शिक्षामंत्री द्वारा दिये गये लिखित आदेश को अतिशीघ्र ही वापिस लिया जाये क्योंकि ये आदेश पूर्ण रूप से अव्यवहारिक व गैरकानूनी है। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/ ईश्वर-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in