पांच दिवसीय दीपोत्सव के दूसरे दिन धूमधाम से मनाई रूप चतुर्दशी, शनिवार को होगी मां लक्ष्मी की पूजा
पांच दिवसीय दीपोत्सव के दूसरे दिन धूमधाम से मनाई रूप चतुर्दशी, शनिवार को होगी मां लक्ष्मी की पूजा

पांच दिवसीय दीपोत्सव के दूसरे दिन धूमधाम से मनाई रूप चतुर्दशी, शनिवार को होगी मां लक्ष्मी की पूजा

जयपुर,13 नवम्बर (हि.स.)। पांच दिवसीय दीपोत्सव के दूसरे दिन रूप चतुर्दशी मनाई गई। वहीं शनिवार को बडे हर्षोल्लास के साथ दीपावली मनाई जाएगी। इस अवसर पर घर-घर दीप जलाकर मां लक्ष्मी की पूजा कर घर में सुख-शांति और धन की कामना की जाएगी। हालांकि इस बार कोरोना महामारी के चलते सरकार द्वारा आतिशबाजी पर रोक लगाने से लोगों को बिन आतिशबाजी के ही दीपावली मनानी पड़ रही है। भगवान विष्णु के मंदिरों में महालक्ष्मी का सोडषोपचार पूजन कर सोलह श्रृंगार किया गया। उधर गृहलक्ष्मियों ने धन लक्ष्मी के स्वागत के लिए ब्यूटीपार्लर जाकर स्वयं को निखारा। शहर के सभी ब्यूटी पार्लरों पर महिलाओं की भीड़ रही। भीड़ के कारण ब्यूटीपार्लर नहीं जाने वाली महिलाओं ने घर पर उबटन आदि से त्वचा की रंगत निखारी और हाथों पर मेहंदी लगाई। शाम को 14 दीपक जलाए गए। बिड़ला मंदिर, जौहरी बाजार स्थित वैंकटेश मंदिर में लक्ष्मीजी का सोलह श्रृंगार किया गया। महालक्ष्मी के किए सोलह श्रृंगार बड़ी चौपड़ स्थित लक्ष्मीनारायण बाईजी मंदिर में महंत के सान्निध्य में लक्ष्मीजी के सोलह श्रृंगार किए गए। इसमें सर्वप्रथम गाय के दूध में हल्दी मिलाकर मां लक्ष्मी को उबटन कराया गया। गुनगुने पानी में गुलाब, केवड़ा, खस, नीबू का रस आदि खूशबूदार द्रव मिलाकर स्नान कराया गया। मलमल, मखमल, रेशम के रंगीन वस्त्र लहंगा, कंचुकी और उतरीय धारण कराया गया। बालों को सुगंधित तेल लगाकर संवारा कर आंखों का श्रृंगार किया गया। नीम पुष्प अंजन मिश्रण से बना काजल लगाया। मांग में लाल रंग का सिंदूर भरा गया। पांव के तलुवे,अंगुजियों और अंगूठों को छोड़कर बचे हुए ऊपरी भाग पर महावर लगाया गया। ठोड़ी के बीच में थोड़ा ऊपर काली बिन्दी या तिल बनाया गया। सोलह श्रृंगारों में एक मेहंदी भी लगई गई। कानों में इत्र लगाया। शरीर को फूलों से बने आभूषणों से सजाया गया। सिर से लेकर पांव तक सोने और चांदी के आभूषण धारण कराए गए। होंठ रचना और मिस्सी के परम्परागत श्रृंगार भी किया गया। लोग अपने घरों की साज-सज्जा में जुटे बाजारों में घरों की रौनक बढ़ाने के लिए एक से एक खूबसूरत और रंग-बिरंगी एलईडी आ चुकी है हैगिंग झूमर, रंगीन झालरों के साथ ही इस बार इटेलियन पैटर्न की भी लाइट्स कस्टमर को खूब भा रही है। दिवाली के इस खास मौके पर अपने घरों की सजावट के लिए सभी स्पेशल और आकर्षक लाइट्स को खरीदना बहुत ही पसंद कर रहे हैं। बाजार में इस बार इलेक्ट्रिसिटी की सेविंग का ख्याल रखते हुए स्पेशल बल्ब और महीन डिजाइन के एट्रेक्टिव क्रिस्टल वाले झूमर खूब बिक रहे हैं। इटैलियन पैटर्न की क्रिस्टल हैगिंग और कलरफुल डिजाइनर लडियां भी बेहद पसंद के साथ खरीदी जा रही हैं। इसके अलावा कांच की झालर वाली लाइट, नवरत्न और मल्टीकलर झालर, एलईडी लाइट से झिलमिलाते कैंडल, डिस्को रोटेटिंग एलईडी बॉल, म्यूजिकल लाइट ट्री सहित अन्य लाइट्स की बाजार में मांग देखते ही बन रही है. यह 100 रुपये से दो हजार रुपये तक में मिल रही है. घर को रोशन करने के लिए महिलाएं बाजारों में रंगोली स्टिकर,फ्लावर बेस, एलईडी बलून्स, विभिन्न डेकोरेटिव लाइट्स आदि खरीद रहे हैं। वहीं दो दिन धनतेरस होने के कारण शुक्रवार को भी पूजा के लिए मंडी में फूलो की खरीदारी भी बढ़ी है। महिलाएं सोने चांदी के आभूषण खरीद रही हैं। सोना चांदी महंगी होने के बावजूद लोगों का रुझान बड़ा है। वहीं दीवाली और खासकर धनतेरस पर आभूषणों की खरीद शुभ मानी जाती है। स्वर्णकारों का कहना है की दो दिन धनतेरस होने के कारण ग्राहकों की संख्या में इजाफा हुआ है वही धनतेरस पर भी अच्छी खरीद होने की उम्मीद हैं। विक्रेताओं ने अपनी दुकानों पर भरपूर स्टॉक रखा है। लेकिन उसके बावजूद मार्केट में ज्यादा खरीदारी की उम्मीद नहीं दिख रही है। विक्रेताओं का कहना है कि इस दीवाली मार्केट में कोरोना महामारी के कारण कैश फ्लो कम होने से लोगों में संकोच है वही आधा बाजार तो ऑनलाइन ने बिगाड़ दिया है खरीदारों जहां एक ओर ज्वेलरी पर फोकस रखा है तो वही ग्राहकों ने बच्चों के लिए कपड़े खरीदे हैं। कोरोना का भूल लोग कर रहे है खरीददारी राजधानी जयपुर के सभी मुख्य बाजारों, जिनमें एमआई रोड, चांदपोल, छोटी चौपड़, बड़ी चौपड़, जौहरी बाजार, किशनपोल बाजार, नेहरु बाजार सहित शहर के सभी शॉपिंग मॉल में पूरे दिन ग्राहकों की भीड़ नजर आई। कहीं भी लोग कोरोना को लेकर भयभीत नजर नहीं आया है। हालाकि सभी लोगों ने मुंह पर मास्क और सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन की पालना करते दिखे। हिन्दुस्थान समाचार/दिनेश-hindusthansamachar.in

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