निकायों की लचर कार्यशैली पर नगरीय विकास विभाग ने जताई नाराजगी
निकायों की लचर कार्यशैली पर नगरीय विकास विभाग ने जताई नाराजगी

निकायों की लचर कार्यशैली पर नगरीय विकास विभाग ने जताई नाराजगी

जयपुर, 20 अगस्त (हि.स.)। राजस्थान के नगरीय विकास विभाग ने प्रदेश के निर्माण स्वीकृति, पट्टा विलेख, लीज डीड जारी करने, नाम हस्तांतरण, उपविभाजन या पुर्नगठन, भू उपयोग आदि से संबंधित प्रकरणों में राशि जमा कराने के लिए जारी किए गए मांग पत्रों के अनुसार राशि जमा कराने की अवधि अब 31 दिसंबर तक बढ़ा दी है। विभाग ने ऐसे प्रकरणों में निकायों की ढीली रफ्तार पर नाराजगी जताई है। विभाग के संयुक्त शासन सचिव (प्रथम) ने इसके लिए जयपुर, जोधपुर व अजमेर विकास प्राधिकरणों के अलावा 15 नगर विकास न्यासों के नाम आदेश जारी किया है। पूर्व में विभाग ने 1 जून को आदेश जारी कर यह राशि जमा कराने की समय सीमा 15 मार्च तय की थी। इस बीच, कोरोना महामारी का दायरा प्रदेश में फैलने के बाद यह समय सीमा बढ़ाकर 30 जून कर दी गई थी। इसे बाद में 28 जुलाई किया गया। वर्तमान में भी कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं, इसे देखते हुए अब यह समय सीमा 31 दिसंबर की गई है। आदेश में कहा गया है कि निर्माण स्वीकृति, पट्टा विलेख, लीज डीड जारी करने, नाम हस्तांतरण, उपविभाजन या पुर्नगठन, भू उपयोग आदि से संबंधित प्रकरणों में राशि जमा कराने के लिए जारी किए गए मांग पत्रों के समय अवधि 15 मार्च या उसके बाद की है तो उसमें 31 दिसंबर तक बिना किसी ब्याज व जुर्माने के राशि जमा की जाएगी। विभाग के संयुक्त शासन सचिव (प्रथम) मनीष गोयल ने अपने आदेश में इस बात पर नाराजगी जाहिर की है कि बार-बार अवधि बढ़ाने के बावजूद संबंधित निकायों की ओर से ऐसे प्रकरणों में जरुरी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। इससे आवेदकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ ईश्वर-hindusthansamachar.in

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