नई शिक्षा नीति भारत को विश्वगुरु बनाने में मददगार होगी: प्रो अग्रवाल
नई शिक्षा नीति भारत को विश्वगुरु बनाने में मददगार होगी: प्रो अग्रवाल

नई शिक्षा नीति भारत को विश्वगुरु बनाने में मददगार होगी: प्रो अग्रवाल

अजमेर, 17 अगस्त (हि.स.)। संघ लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो देव प्रकाश अग्रवाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति देश का संकल्प है, 21वीं सदी के भारत को नई शिक्षा नीति विश्वगुरु बनाने में मददगार होगी। प्रो अग्रवाल महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय वेबीनार को संबोधित कर रहे थे। सशक्त राष्ट्र निर्माण में नवीन शिक्षा नीति की भूमिका विषय पर बोलते हुए उन्होंने शिक्षा, शिक्षक और शेक्षणिक आधारभूत सरंचना के तहत नवीन शिक्षा नीति पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि विश्व की हम से अपेक्षाएं अधिक हो गई हैं। नई शिक्षा नीति को देशभर में लागू करने के प्रति वे समर्पित भाव से कार्य करेंगे। इस शिक्षा नीति में भारत के ज्ञान को आज के ज्ञान के साथ जोड़ने का सकारात्मक प्रयास किया है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सभी पहुचे इसके लिये इसमें जनभागीदारी व टेक्नोलॉजी का समावेश किया है। शिक्षा राज्य का अधिकार है परंतु केंद्र सरकार शिक्षा के प्रसार के लिए कोई भी एक्ट पारित कर सकती है। डॉ विशेष गुप्ता (अध्यक्ष, बाल संरक्षण आयोग उत्तर प्रदेश) ने कहा कि देश को ऐसी शिक्षा नीति की आवश्यकता है जो सर्वे भवंतु सुखिनः के भाव को सम्मिलित किए हुए हो राष्ट्र का गौरव प्राप्त करना ही शिक्षा का मंतव्य होना चाहिए, वर्तमान शिक्षा नीति इन के अनुरूप ही बनाई गई है। नई शिक्षा चार स्तंभों पर आधारित है स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा, प्रशासन नियमन व शोध। इससे बच्चों की प्रतिभा व रचनात्मकता को बढ़ावा मिलेगा। नई शिक्षा नीति लागू होने से विद्यार्थी पेशेवर अच्छा इंसान बनकर हमारे सामने आएगा। मुख्य वक्ता प्रो हरबंस दीक्षित ने कहा की नई शिक्षा नीति में छात्रों को अपनी मातृभाषा में अध्ययन अध्यापन की प्राप्त होने वाली सुविधा निश्चित रूप से उसे आगे बढ़ने में मददगार होगी। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति लागू करने से पूर्व यह भी देखना होगा कि किस प्रकार विद्यार्थियों को विदेशी यूनिवर्सिटी की ओर आकर्षित होने से रोका जा सकता है। प्रोफेसर हरबंस ने कहा की महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के चयन व प्रमोशन की प्रक्रिया समान होनी चाहिए जिससे सभी शिक्षक समान रूप से विद्यार्थियों तक अपने ज्ञान को संचारित कर सकें हिन्दुस्थान समाचार/संतोष-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in