देश-विदेश में बसे राजस्थान के डॉक्टर्स को अपनी माटी से जोडने के लिए 'डोरी' का गठन
देश-विदेश में बसे राजस्थान के डॉक्टर्स को अपनी माटी से जोडने के लिए 'डोरी' का गठन

देश-विदेश में बसे राजस्थान के डॉक्टर्स को अपनी माटी से जोडने के लिए 'डोरी' का गठन

जयपुर, 16 अक्टूबर(हि.स.)। राजस्थान फाउंडेशन द्वारा डॉक्टर ऑफ राजस्थान इंटरनेशनल (डोरी) का गठन किया है जिसके सदस्य राजस्थान मूल के डॉक्टर है जो विदेशों रह रहे है। इन सभी डॉक्टरों को अपनी जमीन से जोड़ने के लिए राजस्थान फाउंडेशन मुख्य भूमिका निभा रहा है। राजस्थान फाउंडेशन के आयुक्त धीरज श्रीवास्तव ने बताया कि फाउंडेशन सरकार और इन डॉक्टर्स के बीच की कड़ी बनकर इस कार्य को अंजाम दे रहा है। कोरोना के समय में मेडिकल कनेक्टिविटी बढ़ाने और इन सभी डॉक्टर्स का संपर्क राजस्थान से बना रहे इस कार्य हेतु साप्ताहिक रूप से उनकी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ से जुड़े सवालों के साथ ओपन फोरम भी रखा जाता है जिसमें लोग जुड़ कर अपने सवाल पूछ सकते हैं। उन्होंने बताया कि इसकी पहली कड़ी में डॉक्टर जयवीर राठौड़ जो फ्लोरिडा यूएसए में कार्यरत है और न्यूरो सर्जन है, उनसे बात की गयी तथा तथा दूसरी कड़ी में डॉक्टर सपना पुरावत जो कैलिफोर्निया में साइकेट्रिस्ट के तौर पर कार्यरत है उनसे बातचीत की गई। इस कार्यक्रम में डॉक्टर्स ने अपने जीवन से जुड़े अनुभवों को साझा किया तथा साथ ही आगे के सपनों को लेकर बातचीत की जिसमें उन्होंने बताया कि राजस्थान से निकले उन्हें एक अरसा हो गया है लेकिन वह अपने राज्य के लिए फिर से कुछ करना चाहते हैं, अपनी सेवाएं देना चाहते हैं और राजस्थान फाउंडेशन के माध्यम से उन्हें अपना यह सपना साकार होते हुए दिखाई दे रहा है। डॉक्टर जयवीर राठौड़ ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि मिर्गी का रोग आज भी राजस्थान के गांव में एक अलग तरह से देखा जाता है लोगों में अभी भी इस रोग को ले कर जागरूकता की कमी है इस वही डॉक्टर सपना ने अपने अनुभवों के आधार पर कहा कि डिप्रेशन आज घर-घर की बीमारी होता जा रहा है और खास तौर से अभी कोरोना महामारी के चलते हर उम्र में हर वर्ग में डिप्रेशन ने अपनी जगह बना ली है जिससे बाहर निकालना बहुत जरूरी है शारीरिक बीमारियों में भी हल्की बीमारियां होती है, कई बार मामूली आराम करने से ठीक हो जाती है और कई बार हमें बहुत बड़ी बीमारियां भी होती है जो कैंसर का रूप लेती है उसी तरह दिमागी बीमारियां भी छोटी से बड़ी तक हो सकती है लोग अक्सर इस बीमारी को खुद अपने आप ने पढ़ने की कोशिश करते हैं लेकिन अगर कोई आपको कहता है कि उसे महसूस हो रहा है कि वह डिप्रेशन में है तो आपको उसको डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए डॉक्टर सपना से बातचीत करते हुए एमपीएस स्कूल इंटरनेशनल साइकोलॉजी टीचर और कॉउंसलर डॉ. भावना और शिक्षिका विजया लक्ष्मी व कुछ स्टूडेंट्स ने अपने सवाल पूछे। यह साक्षात्कार अंशू हर्ष द्वारा लिया जाता है। हिन्दुस्थान समाचार/संदीप/ ईश्वर-hindusthansamachar.in

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