जेएनवीयू का संगीत पर अंतरराष्ट्रीय वेबिनार: घरानेदार संगीत पर हुई चर्चा
जेएनवीयू का संगीत पर अंतरराष्ट्रीय वेबिनार: घरानेदार संगीत पर हुई चर्चा

जेएनवीयू का संगीत पर अंतरराष्ट्रीय वेबिनार: घरानेदार संगीत पर हुई चर्चा

जोधपुर, 19 अक्टूबर (हि.स.)। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के संगीत विभाग की ओर से समकालीन संगीत शिक्षा में घराना परंपरा की प्रासंगिकता विषय पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। निदेशक व संयोजक डॉ भूमिका द्विवेदी ने बताया कि वेबिनार का शुभारंभ मुख्य संरक्षक कुलपति प्रो. प्रवीण चंद्र त्रिवेदी ने किया। संरक्षक, कला संकाय के अध्यक्ष प्रो किशोरी लाल रैगर ने सभी का अभिनंदन किया तथा निदेशिका व उनकी पूरी टीम को इस आयोजन की शुभकामनाएं दी। मुख्य अतिथि जयपुर अतरौली घराने की विश्व प्रसिद्ध गायिका व भातखंडे संगीत संस्थान लखनऊ की कुलपति प्रो. श्रुति साडोलिकऱ ने संस्थागत शिक्षा प्रणाली व घरानेदार संगीत शिक्षण दोनों की वर्तमान में आवश्यकता व स्थिति पर प्रकाश डाला। तत्पश्चात मुख्य वक्ता, फाइन आर्ट सोसायटी मुंबई के चेयरमैन अभंग रत्न गणेश कुमार ने संस्थागत संगीत शिक्षण में सुधार व विद्यार्थियों के लिए करियर अवसर बढ़ाने की विषय पर चर्चा की। संगोष्ठी के दूसरे दिन अतिथि डॉ अश्विन दलवी, सुरबहार वादक व राजस्थान ललित कला अकादमी जयपुर के पूर्व अध्यक्ष, संगीत समीक्षक विदुषी मीना बनर्जी, व पं.कृष्ण राव शंकर पंडित की सुपोत्री व ग्वालियर घराने की जानी-मानी कलाकार डॉ. मीता पंडित आदि का व्याख्यान हुआ। अंतिम दिन उत्तर व दक्षिण भारत संगीत पर चर्चा: अंतिम दिन बनारस हिंदू विश्वविद्यालय प्रदर्शन कला संकाय के पूर्व अध्यक्ष मूर्धन्य विद्वान ध्रुपद गायक पं. ऋत्विक सान्याल कार्यक्रम के मुख्य अथिति थे। दिल्ली विश्वविद्यालय से संगीत विभाग के प्रोफेसर टीवी मणिकन्दन ने उत्तर व दक्षिण भारत के सन्दर्भ में घराने की अवधारणा विषय पर श्रोताओं को अपने ज्ञान से लाभान्वित किया। स्विट्जरलैंड से सरोद के पर्याय हो चुके उस्ताद अली अकबर खां के शिष्य केन जकरमैन ने विश्व परिदृश्य में घराना संगीत परम्परा का स्थान और समाज पर इसका प्रभाव विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। पूरे कार्यक्रम का संचालन डॉ. राजश्री राणावत व डॉ. हितेंद्र गोयल ने किया। संयोजक डॉ. द्विवेदी ने बताया कि कार्यक्रम में विदेशी प्रतिभागियों ने भी पंजीयन कराए। उल्लेखनीय है कि डॉ. भूमिका द्विवेदी स्वयं भेंडी बाजार घराने की कलाकार हैं व पिछले 20 वर्षों से इसकी शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। हिन्दुस्थान समाचार/सतीश / ईश्वर-hindusthansamachar.in

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