जायरीन को सहूलियत और दरगाह में सुकून से जियारत करवाना ही मकसद- दरगाह कमेटी नाज़िम
जायरीन को सहूलियत और दरगाह में सुकून से जियारत करवाना ही मकसद- दरगाह कमेटी नाज़िम

जायरीन को सहूलियत और दरगाह में सुकून से जियारत करवाना ही मकसद- दरगाह कमेटी नाज़िम

अजमेर, 12 नवम्बर(हि.स.)। सेवानिवृत्त आईएएस अशफाक हुसैन ने अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह की प्रबंध कमेटी के नाज़िम का पदभार संभाल लिया है। पद संभालने के बाद हुसैन ने कहा कि मेरा मकसद जायरीन को अधिक से अधिक सहूलियतें उपलब्ध करवाना और सुकून से दरगाह की जियारत करवाना ही है। वे स्वयं अजमेर में वर्षों तक प्रशासनिक पदों पर रहे तथा नाज़िम के पद पर भी दो बार काम किया, इसलिए उन्हें जायरीन की तकलीफों के बारे में पता है। चूंकि दरगाह कमेटी केन्द्र सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय के अधीन काम करती है, इसलिए उनका प्रयास होगा कि केन्द्र सरकार द्वारा अजमेर के बनाई गई स्मार्ट सिटी योजना का लाभ भी दरगाह क्षेत्र को मिले। उन्होंने कहा कि ख्वाजा साहब की दरगाह होने की वजह से ही अजमेर में देश-विदेश से पर्यटक-जायरीन आते हैं। धार्मिक स्थल होने के कारण ही अजमेर का अंतर्राष्ट्रीय महत्व भी है। उन्होंने माना कि दरगाह क्षेत्र के विकास में स्थानीय लोगों का सहयोग भी जरूरी है। हुसैन ने कहा कि उनका प्रयास होगा दरगाह कमेटी और खादिम समुदाय के बीच भी बेहतर तालमेल हो। दरगाह की धार्मिक परंपराओं और रस्मों को निभाने में खादिम समुदाय की ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है। दरगाह कमेटी खादिमों का सहयोग लेकर ही विकास के काम करवाएगी। हिन्दुस्थान समाचार/संतोष/संदीप-hindusthansamachar.in

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