ग्राम सेवा सहकारी समितियों के कार्यों में विविधता लाई जाएगी
जयपुर, 11 जून (हि.स.)। बदलते दौर में ग्राम सेवा सहकारी समितियों के कार्यों में विविधता लाई जाएगी। समितियों के परम्परागत कार्यों के साथ नवाचार एवं अन्य कार्यों की शुरूआत कर उनकी आर्थिक व्यवसाय में बढ़ोतरी की जाए। रजिस्ट्रार एवं प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता नरेश पाल गंगवार ने ये जानकारी देते हुए कहा कि सहकारी समितियों की जनता में अपनी एक विशेष साख है। जिसे विभिन्न सेवाओं के द्वारा बढ़ाया जाए। रजिस्ट्रार गुरुवार को सहकार भवन में अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिये कि सीसीबी के 5 प्रबंध निदेशकों की एक टीम बनाई जाए जो गौण मंडी एवं उपज रहन ऋण योजना को और व्यावहारिक बनाने हेतु अपनी रिपोर्ट दे। उन्होंने कहा कि किसानों को उपज बेचान के लिए सहकारी समितियों को गौण मंडी बनाने से 18 हजार से अधिक किसानों को इसका लाभ मिला है तथा सहकारी समितियों की आय में भी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उपज रहन ऋण योजना की शुरूआत से किसानों को अच्छा लाभ मिल रहा है और 473 सहकारी समितियों ने कार्य प्रारम्भ कर 1100 से अधिक किसानों को लाभान्वित किया है। इस योजना में किसानों को 3 प्रतिशत ब्याज पर उपज रहन ऋण मिल रहा है। उन्होंने कहा कि उपज रहन ऋण के लिए कार्य करने वाली सहकारी समितियों एवं कार्मिकों के लिए शीघ्र ही प्रोत्साहन स्कीम जारी की जाए। रजिस्ट्रार ने कहा कि कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति का लाभ ग्राम सेवा सहकारी समितियों को मिले इसके लिए संभावनाओं को तलाशा जाए। उन्होंने कहा कि ग्राम सेवा सहकारी समितियां उपज रहन ऋण में निजी गोदाम भी किराए पर ले सके। इस संबंध में भी विचार किया जाए एवं परीक्षण कर यथोचित निर्देश जारी किए जाये। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों के आर्थिक व्यवसाय में वृद्धि कर सक्षम बनाने का विशेष प्लान भी तैयार करे ताकि समितियां अपने क्षेत्र के लोगों को गुणवतापूर्ण सेवाएं उपलब्ध करा सके। हिन्दुस्थान समाचार/संदीप / ईश्वर-hindusthansamachar.in