गोपाष्टमी पर जगह-जगह गो माता की हुई विशेष आराधना
गोपाष्टमी पर जगह-जगह गो माता की हुई विशेष आराधना

गोपाष्टमी पर जगह-जगह गो माता की हुई विशेष आराधना

जयपुर, 22 नवम्बर(हि.स.)। कार्तिक शुक्ल अष्टमी रविवार को राजधानी में गोपाष्टमी भक्ति भाव के साथ मनाई गई। इस मौके पर शहर में घर से लेकर मंदिर और गौशालाओं में भक्तों द्वारा गो माता बछड़ों की पूजा-अर्चना की गई। गौ भक्तों द्वारा गाय को तिलक लगाकर गुड़,चना हरा चारा खिला कर गाय के खुरों की पूजा कर पंचामृत से अभिषेक किया।। इधर शहर में जिन घरों में गाय है, वहां भी सुबह से ही गाय के पूजन के लिए महिलाएं पहुंची और गायों की कुमकुम हल्दी का तिलक लगाकर और नया लाल रंग का कपड़ा ओढ़ाकर परिवार में सुख-समृद्धि की कामना की। इसके अलावा मंदिरों में धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन भी हुए। कोरोना काल के चलते कुछ मंदिरों में श्रृद्धालुओं का प्रवेश वर्जित रहा। मुख्य आयोजन राजधानी जयपुर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में हुआ। जहां आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में श्रृंगार झांकी के बाद महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सानिध्य में सुबह श्रृंगार झांकी के बाद चांदी की गौमाता का वेदमंत्रोच्चारण के साथ पंचामृत अभिषेक कर विधिवत पूजन किया गया। वहीं ठाकुरजी को केसरिया रंग की नटवर वेश पोशाक धारण करवाने के बाद विशेष अलंकार धारण करा कर आकर्षक श्रृंगार किया गया। मंदिर में भगवान गोपाल की आकर्षक झांकी सजाई गई। इसके बाद गाय का पूजन हुआ, जिसमें गाय के खुरों का पंचामृत अभिषेक कर शुद्ध जल से अभिषेक किया गया। गाय की पूजा-अर्चना के बाद आरती की गई और नए वस्त्र ओढ़ाए गए। इन सब आयोजन के दौरान कोरोना काल के चलते श्रृद्धालुओं का प्रवेश वर्जित रहा। बड़ी चौपड़ स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर में महंत के सानिध्य में भगवान को नई पोशाक धारण करवाई गई और चांदी की गाय का पंचामृत से अभिषेक कर श्रृंगार किया गया। इसके अलावा शहर के सांगानेर स्थित पिंजरापोल गोशाला, दुर्गापुरा स्थित गोशाला, खोले के हनुमान, गलताजी की गोशालाओं में लोगों द्वारा सेवा कर गायों को हरा चारा खिला कर सुख-समृद्धि की कांमना की गई। हिन्दुस्थान समाचार/दिनेश/संदीप-hindusthansamachar.in

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