गहलोत सरकार ने सब्सिडी बंद कर किसानों के हितों पर किया कुठाराघात- डॉ. पूनियां
गहलोत सरकार ने सब्सिडी बंद कर किसानों के हितों पर किया कुठाराघात- डॉ. पूनियां

गहलोत सरकार ने सब्सिडी बंद कर किसानों के हितों पर किया कुठाराघात- डॉ. पूनियां

जयपुर, 23 दिसम्बर (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने प्रदेश की गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बेहतर कोरोना प्रबंधन के नाम पर झूठी वाह-वाही लूटने वाली इस सरकार के कुशासन में पूरा प्रदेश कोरोना से जूझ रहा था, कोरोना के मरीज इलाज के लिए तरस रहे थे और गरीब राशन के लिए तरस रहे थे, लेकिन अपेक्स सहकारी बैंक ने ओहदेदारी लोगों को, जिसमें सात कलेक्टर भी शामिल हैं, पाव-पाव किलो चांंदी उनको बतौर इनाम में देने का मामला सामने आया है। पूनियां ने कहा कि आश्चर्य है कि ना मंत्री को पता, ना प्रशासक को पता और एमडी कहते हैं कि हमारी इस तरीके की परम्परा रही है, बेशक परम्परा रही होगी, लेकिन यह समय नहीं था और यदि यह पारिश्रमिक कोरोना के रोगियों के लिए राहत के तौर पर दी जाती तो बहुत अच्छा होता, लेकिन अशोक गहलोत की सरकार में ‘‘नाक के नीचे अफसर चाँदी कूट रहे हैं’’ ये कहावत चरितार्थ हो रही है। डॉ. पूनियां ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि राजस्थान में कृषक ऋणमाफी को आंंकड़ों के मकड़जाल में इतना उलझा दिया कि किसान ठीक तरीके से सरकार की गणित को समझ नहीं पा रहे। कांग्रेस सरकार ने बहुत बड़े वादे सम्पूर्ण कर्जामाफी के किये थे, लेकिन सहकारी बैंकों के जरिए किसानों को जो ऋण दिया जाता था, पूववर्ती भाजपा सरकार ने भी इसी तर्ज पर 30 लाख किसानों को लगभग 8 हजार करोड़ का कर्जा माफ किया था। गहलोत सरकार भी यह दावा कर रही है कि उन्होंने 7 हजार करोड़ का कर्जा माफ किया, लेकिन जो डिफॉल्टर सूची के किसान हैं वो आज भी इनकी नजर में डिफॉल्टर हैं, इस वजह से किसानों को ऋण के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री गहलोत बात तो किसानों के हित की करते हैं, लेकिन इनके राज में ऋण के लिए किसान त्रस्त हैं। राज्य के किसानों को पूर्ववर्ती सरकार हर महीने 833 रुपये यानि 10 हजार रुपये की सब्सिडी सीधे बिलों में ही देती थी, लेकिन गहलोत सरकार ने टैरिफ में दी जा रही सब्सिडी की आड़ में उक्त सब्सिडी बंद कर किसान के हितों पर कुठाराघात किया है। हिन्दुस्थान समाचार/ ईश्वर/संदीप-hindusthansamachar.in

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