खादी स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता का पर्याय
खादी स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता का पर्याय

खादी स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता का पर्याय

दौसा, 05 अक्टूबर (हि.स.)। आज देश में गणतंत्र दिवस एवं स्वतन्त्रता दिवस पर देश भर में जो तिरंगा लहराया जाता है, उसमें दौसा जिले के बनेठा गांव के बुनकरों का बडा ही योगदान हैं। बुनकरों को इस बात पर गर्व है कि उनका बुना कपडा देश के तिरंगे के काम आ रहा हैं। बुनकरों के इस कार्य की प्रशंसा करते हुए सोमवार को उत्साहवर्धन किया जिला कलेक्टर पीयूष सामरिया ने। वे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वी जयन्ती वर्ष के उपलक्ष्य में लालसोट रोड स्थित खादी ग्रामोद्योग समिति की ओर से संचालित खादी बाग पहुंचे तथा वहां संचालित गतिविधियों का निरीक्षण कर कार्यों की जानकारी ली। खादी समिति के कार्यालय अधीक्षक अशोक शर्मा ने जिला कलेक्टर को खादी बाग द्वारा तैयार किये गये राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के कपडे़ का अवलोकन कराते हुये जानकारी दी। कलेक्टर ने यहां संचालित पोटरी कलस्टर में बन रहे बर्तनों और सजावटी उत्पादों के बारे में जानकारी ली। इसके बाद वे धुलाई शाला पहुंचे और देखा कि किस प्रकार खादी के कपडों की धुलाई, रंगाई आदि का काम होता है। यहां उन्होंने कतिनों से बातचीत की और प्रक्रिया को समझा। इसके बाद उन्होंने यहॉ प्रदर्शित खादी से जुड़ी विभिन्न इकाइयों द्वारा तैयार किये गये उत्पादों का अवलोकन किया। जिला कलेक्टर ने लैब का निरीक्षण करते हुये कहा कि सभी उत्पाद एक से बढकर एक हैं। खादी आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है। खादी आज भी स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता का पर्याय बनी हुई है। आधुनिकता के दौर में भी एक से बढकर एक खादी के उत्पाद अपनी पहचान बनाए हुए हैं। जिला कलेक्टर ने खादी बाग में विभिन्न गतिविधियों का अवलोकन किया। उल्लेखनीय है कि दौसा जिले में जिला प्रशासन एवं महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति की ओर से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। जिला कलेक्टर ने इन्हीं कार्यक्रमों की शृंखला के तहत निरीक्षण किया और खादी को प्रोत्साहन देने की बात कही। हिन्दुस्थान समाचार / राघवेन्द्र / ईश्वर-hindusthansamachar.in

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