कॉलेजों में विद्यार्थियों की संख्या के अनुपात में होगी सामुदायिक सुविधाएं
कॉलेजों में विद्यार्थियों की संख्या के अनुपात में होगी सामुदायिक सुविधाएं

कॉलेजों में विद्यार्थियों की संख्या के अनुपात में होगी सामुदायिक सुविधाएं

जयपुर, 14 अक्टूबर (हि. स.)। प्रदेश के सभी सरकारी कॉलेजों में अब विद्यार्थियों की सुविधा के लिए पर्याप्त संख्या में शौचालय व यूरिनल्स की व्यवस्था करनी होगी। कॉलेज इसके लिए चाहे तो स्थानीय भामाशाह, जिला प्रशासन, सांसद व विधायक निधि के साथ छात्र निधि कोष से भी मदद ले सकेंगे। कोरोनाकाल की वजह से इनदिनों प्रदेश की कॉलेजों में नियमित अध्ययन व अध्यापन कार्य बंद है। कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय की आयोजना शाखा के पास पिछले दिनों कई कॉलेजों से ऐसी जानकारियां पहुंची है कि विभिन्न कॉलेजों में छात्र-छात्राओं के लिए पर्याप्त संख्या में शौचालय व यूरिनल्स नहीं है। ऐसे में अब आयुक्तालय की आयोजना शाखा ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत यह कमी पूरा करने का निर्णय किया है। हाल ही में कॉलेज शिक्षा के संयुक्त निदेशक (आयोजना) की ओर से सभी सरकारी कॉलेजों के प्राचार्यों से उनके कॉलेज में उपलब्ध शौचालय व यूरिनल्स की सूचनाएं मांगी गई है। कॉलेज प्राचार्यों को आयुक्तालय की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि सभी कॉलेजों में छात्र-छात्राओं की संख्या के अनुरूप शौचालय व यूरिनल्स होना आवश्यक है। प्राचार्यों से यह भी कहा गया है कि वे स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय व यूरिनल्स निर्माण के लिए स्थानीय भामाशाहों, जिला प्रशासन, विधायक व सांसद निधि समेत अन्य एजेन्सियों से राशि प्राप्त कर शौचालय व यूरिनल्स का निर्माण करवाएं। यदि इन एजेन्सियों से कोई राशि नहीं मिलती है तो छात्र निधि कोष या महाविद्यालय विकास समिति से यह निर्माण करवाना सुनिश्चित करें। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप-hindusthansamachar.in

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