कॉलेज शिक्षा में भी सिलेबस होगा कम : भाटी
कॉलेज शिक्षा में भी सिलेबस होगा कम : भाटी

कॉलेज शिक्षा में भी सिलेबस होगा कम : भाटी

झुंझुनू, 24 दिसंबर(हि.स.)। स्कूली शिक्षा की तर्ज पर कोरोना के चलते हुए शैक्षणिक सत्र के नुकसान की भरपाई करने और विद्यार्थियों को राहत देने के लिए कॉलेज शिक्षा के सिलेबस में भी कमी होगी। यह कहना है प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री भंवरसिंह भाटी का। झुंझुनू दौरे पर आए भंवरसिंह भाटी ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि ना केवल सिलेबस कम करने को लेकर, बल्कि कॉलेज खोलने, विद्यार्थियों की मार्कशीट जारी करने, कॉलेज विहिन उपखंडों में कॉलेज खोलने, प्रिंसीपलों की डीपीसी तथा लेक्चचररों की भर्ती को लेकर सरकार गंभीर है। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री भंवरसिंह भाटी ने कहा कि कोरोना के चलते प्रथम और द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को प्रमोट किया गया था, जिसे लेकर सभी यूनिवर्सिटी को निर्देश दिए गए थे कि वे नवंबर 2020 तक सभी को मार्कशीट उपलब्ध करवा दें। काफी यूनिवर्सिटी ने यह काम कर दिया है। लेकिन कुछ यूनिवर्सिटी की शिकायतें अभी भी आ रही हैं। जिसे लेकर उन्हें रिमाइंडर दिया जाएगा। साथ ही टाइम बाउंड के हिसाब से उन्हें मार्कशीट और रिजल्ट जारी करने के लिए कहा जाएगा। भाटी ने बताया कि काफी लंबा समय बिना रेगुलर क्लासेज के गुजर गया है। ऐसे में स्कूली शिक्षा की तर्ज पर कॉलेज शिक्षा में सिलेबस कम किया जाएगा। जिसके लिए लगातार यूजीसी और एमएचआरडी के संपर्क में है। साथ ही उनके द्वारा आ रहे दिशा निर्देशों का भी अध्ययन किया जा रहा है। जनवरी माह में नई गाइडलाइन आने के बाद पता चलेगा कि कॉलेज खुलेंगे या नहीं, इसके बाद सिलेबस को लेकर भी निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिस तरह से फाइनल के एग्जाम में 10 में से तीन सवाल करने की छूट दी गई थी। इसी तरह का कोई फॉर्मूला तैयार करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग काम कर रहा है। किसी भी हाल में विद्यार्थियों को परेशान नहीं होने दिया जाएगा और तनावमुक्त परीक्षा करवाने के लिए काम होगा। कोरोना काल में भी कॉलेज खोलने की बात हो या फिर संकाय तथा कॉलेज को यूजी से पीजी बनाने का मामला हो, सरकार लगातार अच्छे काम कर रही है। यही कारण है कि अब गरीब विद्यार्थी भी घर के पास ही सरकारी कॉलेज में पढाई कर सकता हैं। झुंझुनू में केवल बुहाना उपखंड को छोड़कर अब हर उपखंड में सरकारी कॉलेज हो गया है। प्रिंसिपलों की डीपीसी के मामले में उच्च शिक्षा मंत्री भंवरसिंह भाटी ने बताया कि यह सच है कि काफी सालों से प्रिंसिपलों की डीपीसी नहीं हुई है। लेकिन हाल ही में सरकार ने पेंडिंग चल रही 2017—2018 की डीपीसी कर प्रदेश को 57 नए प्रिंसिपल दिए। लेकिन इनमें से भी कई रिटायर हो गए है। इसके अलावा अब 2018—19 तथा 2019—20 की डीपीसी के लिए भी अधिकारी युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं। इनकी डीपीसी आने वाले एक—दो महीने में हो जाएगी। जिसके बाद प्रिंसिपलों के सभी रिक्त पद भर दिए जाएंगे। मंत्री ने स्वीकारा कि प्रदेश में 2000 के करीब कॉलेज लेक्चरर के पद खाली चल रहे हैं। इनमें से 918 पदों के लिए भर्ती जारी कर दी गई है। वहीं मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया है कि अगले बजट में शेष खाली पदों के लिए भर्तियां निकाली जाएगी। उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि गहलोत सरकार ने दो सालों में 87 नए कॉलेज खोलकर सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है। पहले 1950 से लेकर 2018 तक पूरे प्रदेश में 250 के करीब कॉलेज थे। एक सरकार पांच साल में 10 से 15 कॉलेज ही खोल रही थी। लेकिन इस सरकार ने हर उपखंड में कॉलेज के वादे को पूरा करने की दिशा में दो साल में 87 नए कॉलेज खोले है। साथ ही कॉलेज विहिन उपखंडों में भी महाविद्यालय खोल जाएंगे। हिन्दुस्थान समाचार / रमेश/संदीप-hindusthansamachar.in

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