कैदियों ने की अगरबत्ती के साथ काम की शुरुआत, होगी आमदनी
कैदियों ने की अगरबत्ती के साथ काम की शुरुआत, होगी आमदनी

कैदियों ने की अगरबत्ती के साथ काम की शुरुआत, होगी आमदनी

उदयपुर, 01 जुलाई (हि.स.)। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अर्चना अगरबत्ती और एम स्क्वायर फाउंडेशन ने अनूठी पहल करते हुए बुधवार को केन्द्रीय कारागृह में कैदियों के लिए जेल में ही रोजगार उपलब्ध कराते हुए अगरबत्ती निर्माण की शुरुआत की। जेल अगरबत्ती पहल का बुधवार को सेंट्रल जेल स्थित हॉल में जिला सेशन एवं न्यायाधीश आरपी सोनी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव व एडीजे रिद्धिमा शर्मा, एम स्क्वायर फाउंडेशन के अध्यक्ष मुकेश माधवानी व विक्रम माधवानी, बीइंग मानव पहल की संयोजिका कनिष्का श्रीमाली, अर्चना ग्रुप ऑफ कम्पनीज से सौरभ पालीवाल व नेहा पालीवाल, सेंट्रल जेल अधीक्षक सुरेन्द्र सिंह शेखावत, बीना चित्तौड़ा ने इसका विधिवत शुभारंभ कर इसका पोस्टर लॉन्च किया। इसके साथ ही अगरबत्ती निर्माण कार्य प्रारम्भ हो गया। जिला सेशन एवं सत्र न्यायाधीश आरपी सोनी ने बताया कि सेंट्रल जेल में सजा काट रहे कैदियों के लिए इस प्रकार की योजना भविष्य में काफी लाभप्रद रहेगी। उनके द्वारा बनाए गए उत्पाद आमजन द्वारा खरीदे जाने पर कैदियों को सजा के दौरान रोजगार तो मिलेगा ही साथ ही उनकी आमदनी भी शुरू होगी। वह पैसा उन कैदियों के घर वालों तक पहुंचेगा ताकि उनके परिवार का पालन पोषण हो सके। लॉक डाउन के चलते इन कैदियों के परिवारजन बेरोजगार हो गए हैं और इससे उन्हें सम्बल मिल सकेगा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव व एडीजे रिद्धिमा शर्मा ने बताया कि सजा पूरी होने के बाद जब यह कैदी बाहर निकलें तो इस हुनर की बदौलत कहीं नौकरी कर सकेंगे या इस आय से अपना कोई स्वरोजगार शुरू कर सकेंगे, ताकि इनका परिवार फिर से बेहतर जिंदगी ओर अग्रसर हो सके। देश में कई जेलों में कैदियों द्वारा इस प्रकार के उत्पाद बनाकर प्रमोट किये जा रहे हैं, जिससे कैदियों के जीवन में काफी परिवर्तन देखने को मिला है। सेंट्रल जेल अधीक्षक सुरेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि एम स्क्वायर फाउंडेशन के साझे में शुरु हुई इस पहल में फाउंडेशन की ओर से इन उत्पादों को लोगों तक पहुंचाया जाएगा और उससे प्राप्त होने वाली राशि को भी सामाजिक सरोकार के कामों में लगाया जाएगा। अर्चना अगरबत्ती के सौरभ पालीवाल ने बताया कि कैदियों को मशीन पर काम करने के साथ ही हाथ से अगरबत्ती बनाने का काम भी सिखाया जाएगा। ऐसा इसलिए कि अगर वह बाहर निकल कर भविष्य में कभी रोजगार प्राप्त करने के लिए जाएं तो मशीन पर भी काम कर सकें। हिन्दुस्थान समाचार/सुनीता कौशल/संदीप-hindusthansamachar.in

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