कृषि बिलों के खिलाफ बंद रही मंडी, करोड़ों का व्यापार प्रभावित
कृषि बिलों के खिलाफ बंद रही मंडी, करोड़ों का व्यापार प्रभावित

कृषि बिलों के खिलाफ बंद रही मंडी, करोड़ों का व्यापार प्रभावित

जोधपुर, 21 सितम्बर (हि.स.)। केन्द्र सरकार के कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश 2020 के विरोध में सोमवार को राजस्थान खाद्य पदार्थ संघ और किसान महापंचायत के संयुक्त आह्वान पर जोधपुर सहित प्रदेश की अधिकांश मंडियां बंद रही। भारत सरकार की ओर लाए तीन किसान बिलों के विरोध में ये बंद रखा गया। मंडियों के व्यापारियों और आढ़तियों ने व्यापार बंद रखकर मंडी परिसरों में प्रदर्शन किया। व्यापार बन्द रहने के कारण करोड़ों का व्यापार प्रभावित हुआ। दरअसल केंद्र सरकार के अध्यादेशों से पूरे देश के किसान व व्यापारियों में भारी रोष है। उनका कहना है कि इससे किसान व आढ़ती बर्बाद हो जाएगा। इस अध्यादेश के अधीन मंडियों से बाहर काम करने वाले व्यापारी, मिलर, वेयरहाउसेज बगैर मंडी लाइसेन्स तथा बिना मंडी सेस चुकाये जिंसों की खरीद-फरोख्त कर सकेंगे। इस कानून के अनुसार राज्य के किसी भी कोने में किसान, ट्रेडर, आढ़तिया क्रय-विक्रय कर सकेंगे तथा राज्य के बाहर भी कृषि जिंस का खरीद-फरोख्त, बिना अनुज्ञापत्र लिए तथा बगैर मण्डी सेस चुकाये कर सकेंगे। इसके कारण मंडियों में कार्यरत व्यापारी व आढ़तियां का व्यापार समाप्त होने के कगार पर पहुंच गया है। मण्डी के बाहर असामाजिक तत्व सक्रिय हो जाएंगे। ये मांगे रखी है: व्यापार संघों ने केन्द्र सरकार से मांग की है कि जिस प्रकार इस अध्यादेश के अन्तर्गत मंडी के बाहर मंडी सेस तथा अन्य सेस समाप्त किए हैं, उसी प्रकार मंडियों में भी मण्डी सेस व अन्य सेस समाप्त करें। मंडियों के मेन्टीनेन्स के लिए नोमिनल मेन्टीनेन्स चार्जेज लिए जा सकते हैं। यदि केन्द्र सरकार यह नहीं कर सकती है तो मण्डी के बाहर कार्य करने वाले व्यापारी, मिलर आदि को भी राज्यों में लागू मण्डी टैक्स देय लागू किया जाए। इन मांगों को 23 सितंबर को पूरे प्रदेश के मंडी कारोबारियों की कार्यसमिति की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से भी बैठक बुलाई गई है और इसमें फैसला लिया जाएगा कि आगे इन बिलों को, जो कि अब राज्यसभा से भी पास हो चुके हैं उनका अब कैसे विरोध करना है। हिन्दुस्थान समाचार/सतीश / ईश्वर-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in