अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी तानाशाही की हद- पूनियां
अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी तानाशाही की हद- पूनियां

अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी तानाशाही की हद- पूनियां

जयपुर, 04 नवम्बर(हि.स.)। मुम्बई में रिपब्लिक भारत टीवी के एडिटर इन चीफ वरिष्ठ पत्रकार अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी की पत्रकार संगठनों, बुद्धिजीवियों और प्रदेश भाजपा नेताओं ने निंदा की है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार का यह कैसा लोकतंत्र है? उनकी वास्तविकता को उजागर करने वाले रिपब्लिक टीवी के पत्रकार अर्नब गोस्वामी को कानून दायरे से बाहर जाकर पुलिस से पिटवाया जा रहा है। यह तो तानाशाही की हद है। केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि मुट्ठी भर राज्यों में सिमट जाने के बावजूद गांधी वंश सत्ता में बने रहने के लिए लोकतंत्र के स्तंभों का गला घोंटने में बिल्कुल भी संकोच नहीं करता। इंदिरा गांधी ने इसे 1975 में किया था, सोनिया गांधी ने 2020 में किया है। केन्द्रीय कृषिराज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि रिपब्लिक भारत टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी जी के साथ मुंबई पुलिस का दमनकारी व्यवहार अलोकतांत्रिक और शर्मनाक है। अपने खिलाफ उठ रही आवाजों को दबाने के लिए महाराष्ट्र सरकार का ये रवैया कुत्सित है। जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष राकेश शर्मा ने कहा कि जार राजस्थान अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी का विरोध करता है। पुलिस की कार्रवाई गैरकानूनी है। महाराष्ट्र सरकार पुलिस की ताकत के दम पर पत्रकारिता की आवाज को दबाना चाहते हैं। पत्रकार समाज व पत्रकार संग़ठन इसका पुरजोर विरोध करता है। यह प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है, जिसका विरोध जताया जाएगा। हिंदुस्थान समाचार/ संदीप/ ईश्वर-hindusthansamachar.in

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