मेडिकल कॉलेज में रूम को लेकर हुई तकरार रैगिंग तक पहुंची
जोधपुर, 12 जनवरी (हि.स.)। कोरोना से बचाव के लिए लागू लॉकडाउन में बंद शहर का डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज एक बार फिर से खुल गया है। करीब नौ माह के अंतराल के बाद कॉलेज खुलते ही रैगिंग की आहट सुनाई देने लगी है। हॉस्टल में रूम अलॉटमेंट को लेकर सीनियर व जूनियर छात्रा के बीच बढ़ी तकरार रैगिंग तक जा पहुंची। जूनियर छात्रा के पिता की शिकायत पर प्रिंसिपल सहित सभी वार्डन हरकत में आए और मामले को सुलझाया। हालांकि नया बैच अगले माह आएगा लेकिन गत वर्ष प्रवेश ले चुके विद्यार्थी नियमित रूप से अभी ही आए है। ऐसे में कल रात हॉस्टल में रैगिंग की सूचना मिलते ही हडक़ंप मच गया। प्रिंसिपल सहित अन्य सभी वार्डन हॉस्टल में पहुंच गए। सूत्रों के अनुसार गत वर्ष नव प्रवेश लेने वाले छात्र नियमित रूप से अब कॉलेज पहुंचे है। कल छात्रों को हॉस्टल में रूम आवंटित किए गए। ऐसे में गत वर्ष नया प्रवेश लेने वाले छात्र -छात्राएं अपने रूम में जा बैठे और सामान जमा लिया। शाम को कुछ सीनियर भी पहुंचे और अपने रूम में दूसरों को बैठे देख उनकी भौहें तन गई। गल्र्स हॉस्टल में एक सीनियर छात्रा की अपने रूम में काबिज एक जूनियर छात्रा के साथ तकरार हो गई। जूनियर छात्रा की तकरार सीनियर्स को बहुत नागवारा गुजरी और मामला बढ़ कर रैगिंग तक जा पहुंचा। इसके बाद जूनियर छात्रा ने रोते हुए अपने पिता को घटनाक्रम से अवगत कराया। इस पर उसके पिता ने तुरंत प्रिंसिपल डॉ. जीएल मीणा से बात कर उनसे मदद मांगी। छात्रा के पिता का फोन आते ही डॉ. मीणा ने सभी हॉस्टल वार्डन को तुरंत मौके पर भेजा। साथ ही खुद भी वहां पहुंचे और मामले को संभाला। हालांकि डॉ. मीणा ने इस बात से इंकार किया कि उनके पास किसी अभिभावक का फोन आया था। उन्होंने कहा कि वे एहतियात के तौर पर हॉस्टल में गए थे। डॉ. मीणा ने बताया कि हमारे कॉलेज कल से खुल गए। छात्रों के आने के बाद कोई ऐसा माहौल बना होगा। इस बात का हमें पहले से अहसास था। इस कारण मैने स्वयं दिन में भी पूरी तरह नजर बनाए रखी। रात में भी वार्डन को हॉस्टल में भेजने के साथ पूरे मामले पर नजर रखी। नया बैच अगले माह से शुरू होगा। ऐसे में हम शीघ्र ही एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक बुलाएंगे और पहले से तैयारी रखेंगे कि रैगिंग जैसी कोई घटना नहीं हो। हिन्दुस्थान समाचार/सतीश / ईश्वर-hindusthansamachar.in