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एसटी वर्ग की अभ्यर्थी से क्यों मांगी जा रही है तलाक की डिक्री

जयपुर,06 मई (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने एसीएस गृह, डीजीपी और जयपुर पुलिस आयुक्त सहित अन्य को नोटिस जारी कर पूछा है कि कांस्टेबल भर्ती में एसटी वर्ग की तलाकशुदा महिला अभ्यर्थी को नियुक्ति देने के लिए तलाक की डिक्री क्यों मांगी जा रही है। इसके साथ ही अदालत ने एक पद याचिकाकर्ता के लिए रिक्त रखने को कहा है। न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश संतोष कुमारी मीणा की याचिका पर दिए। याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता के कांस्टेबल भर्ती के सभी चरण उत्तीर्ण किए थे। वहीं विभाग ने दस्तावेज सत्यापन के दौरान उसका चयन यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि उसने तलाकशुदा कोटे में आवेदन किया है, लेकिन उसके पास अदालत की ओर से जारी तलाक की डिक्री नहीं है। याचिका में कहा गया कि एसटी वर्ग पर हिंदू विवाह अधिनियम के प्रावधान लागू नहीं होते हैं। उसका तलाक आदिवासी प्रथा के तहत हुआ है और समाज की ओर से जारी किए गए तलाक के दस्तावेज वह पेश कर चुकी है। ऐसे में उसे चयन से वंचित करना गलत है। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए याचिकाकर्ता के लिए पद रिक्त रखने को कहा है। हिन्दुस्थान समाचार/ पारीक/ ईश्वर

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