Villagers explained the importance of freedom from open defecation
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ग्रामीणों को समझाया खुले में शौच से मुक्ति का महत्व

अजमेर, 13 जनवरी(हि.स.)। खुले में शौच से मुक्ति के लिए नाबार्ड द्वारा 2 हजार गांवों में स्वच्छता साक्षरता का महाभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत अजमेर में भी विभिन्न ब्लाकों में ग्रामीणों को जागरुक किया जा रहा है। नाबार्ड की ओर से आज केकड़ी ब्लॉक के आलोली गांव में ग्रामीणों को स्वच्छता के फायदों की जानकारी दी गई। इस अवसर पर कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए नाबार्ड की जिला विकास प्रबंधक शिल्पी जैन ने कहा कि यह अभियान देश भर के 2 हजार गाँवों में 26 जनवरी तक चलाया जाएगा। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सम्पूर्ण भारत को खुले में शौच से मुक्त करना है । उन्होंने कहा कि स्वच्छता से ही स्वास्थ्य है। स्वच्छ जीवन ही खुशहाल जीवन जीने का सही तरीका है। गाँव के हर घर में शौचालय का होना मतलब बीमारियों का दूर रहना और परिवार का स्वस्थ रहना। यदि हम अपने घर की बेटियोंए बहनोए माँ और बच्चों की सुरक्षा और सेहत का खयाल रखना चाहते हैं तो हमें घर में शौचालय बनवाना ही होगा। कार्यक्रम में पोस्टर व बैनर के माध्यम से ग्रामीणों को शौचालय कैसे बनवाया जाता है तथा उस को कैसे प्रयोग में लाया जाता हैए विषय की जानकारी दी गई। उन्होंने शौचालय के निर्माण के लिए बैंकों द्वारा प्रदान किए जाने वाले ऋणों के बारे में भी बताया। उन्होंने सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओंए सुकन्याए जनधन आदि के सम्बन्ध में उपस्थित लोगों को जानकारी दी। इस अवसर पर नाबार्ड द्वारा सभी को निशुल्क मास्कए साबुन एवम हैंड सेनिटाईजर वितरित किया गया। हिन्दुस्थान समाचार/संतोष-hindusthansamachar.in

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