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तंबाकू का अवैध व्यापार रोकने को वेंडर लाइसेंसिंग प्रणाली की जरूरत प्रतिपादित

जयपुर, 27 फरवरी (हि. स.)। तम्बाकू के अवैध व्यापार की रिपोर्ट का विमोचन करते हुए पूर्व आईएएस राजेन्द्र भाणावत ने कहा कि भारत में हर वर्ष लगभग 13 लाख से अधिक लोगों की तम्बाकू सेवन के कारण अकाल मृत्यु हो जाती है। यानी कि हमारे देश में प्रतिदिन करीब 3500 लोग तम्बाकू के सेवन के कारण विभिन्न बीमारियों से मर रहे है। उन्होंने बताया कि तंबाकू उत्पादों पर कम टैक्स, कमजोर कराधान और नियमों के कारण भारत में तम्बाकू का एक बड़ा अवैध और बेहिसाब व्यापार लगातार पनप रहा है। रियेक्ट (रिसर्च एक्शन फॉर टोबैको कंट्रोल) स्वतंत्र शोधकर्ताओं का एक नेटवर्क है जो तंबाकू नियंत्रण के मुद्दों को उजागर करने की दिशा में काम करता है। हाल ही में रियेक्ट द्वारा ‘भारत में अवैध तंबाकू व्यापार : सरकारें हमें क्या बताती हैं?’ नाम से रिपोर्ट जारी की गई है। रिपोर्ट में शोधकर्ताओं द्वारा सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सरकारी दस्तावेजों का अध्ययन किया है और पाया कि विभिन्न सरकारी विभाग तंबाकू उद्योगो द्वारा किए गए अवैध व्यापार के तरीकों का रिकॉर्ड करते हैं। पिंकसीटी प्रेस क्लब में डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार भारत के तंबाकू उद्योग का दावा है कि उसका व्यवसाय वैध है और अवैध जो विदेशी ब्रांडों द्वारा भारत में तम्बाकू का अवैध व्यापार किया जाता हैं। रियेक्ट ने भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक, राजस्व खुफिया निदेशालय (डायरेक्टरेट ऑफ रेविन्यू इन्टेलिजेन्स) , केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड और संसद द्वारा तम्बाकू उद्योग पर जारी की गयी विभिन्न रिपोट्र्स की समीक्षा की और पाया कि तम्बाकू कम्पनियां विशेषकर सिगरेट और पान मसाला कंपनियां भारत सरकार को धोखा देने के लिए गलत कर या राजस्व प्राप्त कर रही हैं और भारत में तम्बाकू के अवैध व्यापार को बढ़ावा दे रही है। रियेक्ट रिपोर्ट में विभिन्न केस स्टडीज द्वारा तम्बाकू उद्योग द्वारा किये जाने वाले अवैध तम्बाकू व्यापार और धोखाधड़ी का खुलासा किया गया है। रियेक्ट रिपोर्ट केंद्र सरकार को तीन व्यापक सिफारिशें भी करती है। तंबाकू उत्पादों को भी अन्य हानिकारक उत्पादों जैसे कि शराब और बंदूकों की टैक्स उत्पादों की श्रेणी में साथ रखा जाना चाहिए। दूसरी सिफारिश यह कि भारत सरकार को तंबाकू क्षेत्र की निगरानी के लिए खेती से लेकर उपभोग तक एक मजबूत डेटा और सूचना प्रणाली विकसित करनी चाहिए जिससे बेहतर राजकोषीय प्रबंधन और विनियमन हो सके। तीसरी यह कि गुड्स एंड सर्विस टैक्स काउंसिल को एक मुद्रास्फीति से जुड़ी डायनेमिक टैक्स दर को अपनाना चाहिए और इसे उत्पादों के बीच सेगमेंट और स्लैब जैसे सभी भेदों को दूर करना चाहिए व चरणबद्ध तरीकों से तंबाकू व्यापार को सब्सिडी और रियायतें देनी चाहिए तथा सभी प्रकार से तम्बाकू उत्पादों को सिन टैक्स के दायरे में लाना चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप

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