नगरीय निकाय चुनाव : कांग्रेस नहीं करेगी सूची सार्वजनिक, भाजपा प्रभारियों को सौंपेगी प्रत्याशियों के नाम
जयपुर, 14 जनवरी (हि. स.)। प्रदेश के 20 जिलों में 90 नगरीय निकायों में 28 जनवरी को प्रस्तावित चुनाव के लिए कांग्रेस तथा भाजपा में प्रत्याशियों के नामों पर मंथन चल रहा है। कांग्रेस पूर्ववर्ती चुनावों की तरह बगावत के डर से इस बार भी प्रत्याशियों की घोषणा सार्वजनिक नहीं करेगी। कांग्रेस में पर्यवेक्षक फोन पर ही संबंधित उम्मीदवारों को उनकी उम्मीदवारी की सूचना देंगे। जबकि, भाजपा प्रदेश नेतृत्व से हरी झंडी मिलने के बाद प्रत्याशियों की सूची सम्बंधित निकायों के प्रभारियों को सौंपेगी। प्रभारियों पर ही अपने-अपने निकायों में जाकर प्रत्याशियों को सूचित करने से लेकर पार्टी के अधिकृत सिम्बल वितरित करने और नामांकन भरवाने की जिम्मेदारी रहेगी। प्रदेश के 20 जिलों के 90 निकायों में होने जा रहे चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशियों की सूची गुरुवार को फाइनल हो जाएगी। शाम तक पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा प्रत्याशियों की सूची के नामों को फाइनल कर सूची पुन: पर्यवेक्षकों को सौंप देंगे। इसके बाद पर्यवेक्षक अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में जाकर प्रत्याशियों को सूचना देंगे। इससे पहले पर्यवेक्षकों ने प्रभार वाले जिलों में तीन दिन तक दावेदारों की रायशुमारी कर उनका जमीनी फीडबैक लिया और तीन-तीन नामों का पैनल तैयार करके बुधवार रात को पैनल पीसीसी को सौंप दिए। कई पर्यवेक्षकों ने गुरुवार सुबह दावेदारों के पैनल प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय को सौंपे हैं। कांग्रेस को टिकट वितरण के बाद बगावत का अंदेशा है, प्रत्याशियों की घोषणा सार्वजनिक करने के बाद पार्टी में बड़े स्तर पर बगावत न हो, इसके लिए 90 निकायों में भी कांग्रेस पार्टी प्रत्याशियों की घोषणा सार्वजनिक करने से कतरा रही है। पार्टी में चर्चा है कि प्रत्याशियों की सूची सार्वजनिक करने की बजाय जिन दावेदारों के नाम प्रत्याशियों के तौर पर अधिकृत किए गए हैं, उन्हें फोन के जरिए सूचना देकर नामांकन दाखिल करने को कहा जाएगा। पार्टी प्रत्याशियों की घोषणा सार्वजनिक नहीं करने करने का फॉर्मूला पूर्व में 6 नगर निगम चुनाव, पंचायत-जिला परिषद, 50 निकायों में आजमा चुकी है, अब यही परंपरा 90 निकायों के चुनाव में भी कांग्रेस आजमाएगी। पूर्व में हुए चुनावों में खाली सिंबल देने की शिकायतें मिलने के बाद प्रदेश प्रभारी अजय माकन न पर्यवेक्षकों को भरे हुए सिंबल ही देने के निर्देश दिए हैं। भाजपा कर रही डैमेज कंट्रोल पर फोकस प्रदेश भाजपा में निकाय चुनाव के लिए प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है। जयपुर स्थित प्रदेश भाजपा मुख्यालय में गुरुवार को भी निकाय चुनाव प्रत्याशी चयन को लेकर बैठकों का दौर जारी है। गुरुवार को तीन जिलों प्रतापगढ़, बूंदी और हनुमानगढ़ के निकायों से आए तीन-तीन नामों के पैनल पर चर्चा हो रही है। चुनाव संचालन समिति से जुड़े वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में एक-एक नामों पर मुहर लगाई जाएगी। इससे पहले बुधवार को दिनभर मशक्कत के बाद 17 जिलों के निकायों पर प्रत्याशी चयन की टास्क पूरी कर ली गई। कांग्रेस के साथ ही भाजपा को भी प्रत्याशी चयन के बाद वंचित रहे दावेदारों और उनके समर्थकों की बगावत का डर सता रहा है। दरअसल, पिछली बार भी निकायों में प्रत्याशी चयन के बाद नेता-कार्यकर्ताओं ने अनदेखी का आरोप लगाते हुए ज़बरदस्त विरोध जताया था। कई निकायों में बागी हुए दावेदारों ने चुनाव मैदान में डटकर निर्दलीय नामांकन भरे और भाजपा प्रत्याशी को ही चुनौती दे डाली। इसका खामियाजा भी पार्टी को भुगतना पड़ा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां, केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, राष्ट्रीय मंत्री अलका गुर्जर, प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया की टीम चुनाव के लिए नियुक्त किए गए निकाय, जिला और संभाग प्रभारियों के फीडबैक के आधार पर तीन-तीन नामों के पैनल में से किसी एक नाम पर आमराय बनाने की कवायद कर रही है। 15 जनवरी है नामांकन की आखिरी तारीख 90 निकायों में नामांकन की आखिरी तारीख 15 जनवरी है। इस दिन दोपहर 3 बजे तक ही नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे। प्रदेश के जिन 20 जिलों में 90 निकायों के चुनाव हो रहे हैं, उनमें अजमेर, बांसवाड़ा, बीकानेर, भीलवाड़ा, बूंदी, प्रतापगढ़, चित्तौडग़ढ़, चूरू, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, नागौर, पाली, राजसमंद, सीकर, टोंक और उदयपुर है। 90 निकायों 1 नगर निगम, 9 नगर परिषद और 80 नगर पालिका हैं। इन निकायों में एकमात्र अजमेर नगर निगम हैं। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप-hindusthansamachar.in