Updates .... Flight of kites on roofs, he cut to the tune of DJ ... shouted by the noise of Rajasthan, worship of Thakurji by doing charity and charity
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अपडेट....छतों पर पतंगों की उड़ान, डीजे की धुन पर वो काटा...के शोर से गूंजा राजस्थान, दान-पुण्य कर की ठाकुरजी की पूजा

जयपुर, 14 जनवरी (हि. स.)। कोरोना के संक्रमण काल में मकर राशि में प्रवेश के साथ ही उत्तर की ओर गमन करने वाले सूर्य की पहली किरणों के साथ गुरुवार की सुबह प्रदेश में मकर संक्रांति का उल्लास बिखेर चुकी हैं। प्रदेश में राजधानी जयपुर समेत विभिन्न शहरों में छतों पर उमड़ा जनसमूह हवा के साथ पतंगों की कलाबाजियां बिखेर कर डीजे की धुनों पर वो काटा...वो काटा के शोर के बीच उन्मादित हैं तो श्रद्धालु महिलाएं पवित्र सरोवरों में डुबकी लगाकर ठाकुरजी की पूजा कर दान-पुण्य की रस्में निभा रही हैं। रजवाड़ों से चली आ रही परंपरा की डोर जितनी ऊंचाई तक पहुंच रही है, हर मन की खुशियां उतनी ही ऊंचाइयां ले रही हैं। मकर संक्रान्ति के मौके पर जयपुर, कोटा, बीकानेर, उदयपुर, जोधपुर समेत अन्य छोटे-बड़े शहरों में उत्साह हिलोरे ले रहा है। अलवर में परंपरा के अनुसार बच्चों से लेकर बड़े तक मैदानों में, छतों पर, घर की चार दीवारी में गेंद लेकर सतोलिया, राउंडल और क्रिकेट का लुत्फ उठा रहे हैं। राजधानी जयपुर में पतंगबाजी का कोलाहल छतों से सुनाई देना शुरु हो गया है। पतंगों की डोर की सांय-सांय और छतों पर रखे म्यूजिक सिस्टम पर बज रहे नए-पुराने गानों के साथ बीच-बीच में ये काटा-वो काटा, पेच लड़इयो जैसे शब्द गूंज रहे हैं। इस बार कोरोना के कारण पर्यटन विभाग का पतंग महोत्सव नहीं हो रहा है, लेकिन छतें पूरी तरह आबाद हैं। उदयपुर में संक्रांति पर आमजन धार्मिक गतिविधियों में व्यस्त हैं। मंदिरों में रौनक है। घर-घर तिल गुड़ के पकवानों से महक उठे हैं। अजमेर जिले के पुष्कर स्थित सरोवर में तडक़े से ही स्नान की परंपरा निभाई जा रही है। सरोवर में स्नान-ध्यान और मंदिरों में प्रभु की आराधना का सिलसिला चल रहा है। जोधपुर में तडक़े उठकर स्नान-ध्यान करने और मंदिरों तक जाने की परंपरा का निर्वहन श्रद्धालुओं ने शुरु कर दिया है। गुरुवार को सूरज उगने से पहले डीजे पर बज रहे गानों और वो काटा...के शोर ने साफ कर दिया कि जयपुर के लोगों में पतंगबाजी का जुनून कम नहीं है। कोरोना महामारी ने बीते 8 माह में दीपावली, ईद, दशहरा और क्रिसमस जैसे 15 से ज्यादा पर्वों का उत्साह फीका कर दिया था। लेकिन, 2021 के पहले पर्व मकर संक्रांति पर उत्साह और जोश हिलोरे ले रहा हैं। राजधानी जयपुर में अलसुबह से ही छतों से डीजे के गाने बज रहे हैं। दिन चढऩे के साथ ही आसमान में बादल छंटते चले गए और पतंगबाजी का जुनून परवान चढऩे लगा। डीजे पर बज रहे गानों के साथ गरमा-गरम पकौड़े, चाय, तिल के लड्डू, गजक-रेवड़ी के साथ लोग जमकर पतंगबाजी कर रहे हैं। पतंगबाजी के इस उत्सव में न केवल पुरुष, बल्कि महिलाएं भी पीछे नहीं है। कोरोना के बाद यह पहला त्योहार है जब प्रशासन भी थोड़ा नरमी में दिखा। पतंगों की दुकानें नाइट कफ्र्यू के बाद भी देर रात तक खुली और लोगों ने खरीददारी की। टोंक रोड, चारदीवारी, वैशाली नगर, मानसरोवर, गोपालपुरा सहित अन्य कई बाजारों में पतंग-डोर की दुकानों को छोडक़र शेष दुकानें बंद रही। सूर्य आज मकर राशि में प्रवेश कर गया। इसके साथ ही सूरज की चाल भी दक्षिण से उत्तर दिशा की ओर से हो गई। आज से सर्दी का प्रभाव भी धीरे-धीरे कम होने लगेगा। इस बार मकर राशि में पंचग्रही योग बनेगा, जो करीब 59 साल बाद बनेगा। मकर संक्रांति का पुण्यकाल सुबह 7.31 से शुरू हो गया जो शाम 5.50 बजे तक रहेगा। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो मकर राशि में बुधवार को चन्द्रमा प्रवेश कर गए हैं। सुबह 8.15 मिनट पर सूर्य भी मकर राशि में प्रवेश कर गए। इससे पहले मकर राशि में बुध, गुरु और शनि पहले से ही चल रहे हैं। इस तरह मकर राशि में पंचग्रही योग बनेगा। इसी के साथ आज का दिन दान पुण्य के लिहाज से भी अहम हैं। लोग सुबह से गौशालाओं व अन्य स्थानों पर गायों को गुड़, हरा चारा देने पहुंच रहे हैं। वहीं मंदिरों के बाहर बैठे बेघर लोगों को भी खाने-पीने की चीजे, कपड़े आदि दान कर रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप-hindusthansamachar.in

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