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अपडेट...मुख्यमंत्री का 'एकांतवास', सियासी गतिविधियों पर लग सकते हैं ब्रेक!

जयपुर, 14 जून (हि.स.)। प्रदेश में चल रही सियासी बयानबाजी के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को चिकित्सकीय परामर्श के हवाले से साफ कर दिया कि पोस्ट कोविड तकलीफों के कारण वे एक-दो महीने तक और किसी से भी प्रत्यक्ष मुलाकात नहीं करेंगे। अगले दो महीनों तक किसी से भी व्यक्तिगत रूप से मुलाकात नहीं करने का कहकर गहलोत ने कम से कम राजनीतिक गतिविधियों पर तो संभवतः ब्रेक लगा ही दिया है। सीएम अशोक गहलोत ने सोमवार दोपहर ट्वीट कर कहा कि कोरोना संक्रमित होने के बाद के नतीजों को देखते वे एक से दो महीने तक व्यक्तिगत रूप से किसी से मुलाकात नहीं करेंगे। ऐसे में यह माना जा रहा है कि जब मुख्यमंत्री किसी से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात नहीं करेंगे तो मंत्रिमंडल विस्तार भी संभावना भी क्षीण पड़ती दिखाई दे रही है। गहलोत की तरफ से बयान जारी करते हुए कहा गया कि कोविड संक्रमित होने के बाद के लक्षणों को देखते हुए चिकित्सकों की सलाह पर एहतियातन और व्यक्तिगत रूप से मुलाकात नहीं हो पा रही है। सभी बैठकें और बातचीत वीडियो कॉन्फ्रेंस और वीडियो कॉल द्वारा की जा रही है। चिकित्सकों की सलाह है कि अभी एक-दो महीने और वीसी के माध्यम से ही बैठक करें। विभागों की बैठकें और रिव्यू मीटिंग्स भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की जा रही हैं। पिछले 15-16 महीने में करीब 355 वीसी की जा चुकी है, जिनमें कई बार गांव तक के प्रतिनिधि वार्ड पंच और सरपंच भी जुड़ते हैं। असल में, मुख्यमंत्री का यह बयान ऐसे मौके पर आया है, जब प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा जोर पकड़ चुकी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा दिल्ली में आलाकमान से मुलाकात करने के बाद जल्द मंत्रिमंडल विस्तार की बात कह रहे हैं। दूसरी तरफ, पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट खुद अपनी मांगों के सिलसिले में दिल्ली में है। इधर, उनके समर्थक विधायक भी लगातार बयानबाजी कर मंत्रिमंडल विस्तार की मांग कर रहे हैं। सियासी जानकारों की मानें तो मंत्रिमंडल विस्तार के समय मुख्यमंत्री की मौजूदगी होती है। ऐसा कभी नहीं हुआ कि किसी भी मंत्रिमंडल विस्तार के समय मुख्यमंत्री की मौजूदगी नहीं रही हो और वे वर्चुअल माध्यम से किसी मंत्रिमंडल विस्तार कार्यक्रम में जुड़े हों। बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक भी मंत्रिमंडल में भागीदारी का इंतजार कर रहे हैं। विधायक राजेन्द्र गुढ़ा अपने बयान में यह साफ भी कर चुके हैं। बसपा सोमवार को इस मुद्दे पर मुखर हुई है। बसपा से कांग्रेस में आए सभी विधायक सोमवार को इस मसले पर रणनीतिक बैठक भी कर रहे हैं। इससे पहले इन विधायकों ने मंत्रिमंडल विस्तार में भागीदारी को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात का समय मांगा था, लेकिन वहां से उन्हें वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपनी बात रखने के लिए कहा गया। खुद, विधायक गुढ़ा इस बात को स्वीकार चुके हैं। ऐसे में अब माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री गहलोत का सियासी एकांतवास समाप्त होने के बाद ही राजस्थान में सियासी सरगर्मियां दोबारा परवान चढ़ सकेगी। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित

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