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चिकित्सकों की देखरेख में अनुलोम-विलोम कर 80 साल के बुजुर्ग ने जीती कोरोना से जंग

पाली, 04 मई (हि.स.)। वैश्विक महामारी कोरोना की आपदा में ऐसे मरीज भी हैं, जो धैर्य, हिम्मत और अपनी जिद के बलबूते संक्रमण को परास्त कर सुरक्षित घर लौट रहे हैं। पाली के टैगोरनगर निवासी शिक्षक पद से सेवानिवृत 80 वर्षीय प्रभुदास वैष्णव भी ऐसे ही एक शख्स है, जिन्होंने डॉक्टरों की देखरेख और योग की मदद से कोरोना को हरा दिया। उनके आधे फेफड़े संक्रमित हो चुके थे, साथ ही वे हृदय रोगी भी हैं। ऐसे में कोरोना का संक्रमण उनके लिए जानलेवा था। फिर भी उन्होंने जीवन की जंग जीती और नौ दिन अस्पताल में रहने के बाद स्वस्थ होकर घर लौट आए। वैष्णव के पुत्र आरसी वैष्णव रीको में वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक है। उन्होंने बताया पिताजी शिक्षक पद से रिटायर्ड है, उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी। चिकित्सक को दिखाया तो सीटी स्कैन में फेफड़े का स्कोर 12/25 आया। मतलब करीब आधे फेफड़े कोरोना से संक्रमित हो चुके थे। हृदय रोगी होने के कारण पूरा परिवार चिंता में था। उन्हें 26 अप्रैल को बांगड़ अस्पताल में भर्ती करवाया गया। उन्होंने डॉ. एचएम चौधरी व वीरेन्द्र चौधरी के नेतृत्व में दवाईयां नियमित रूप से लीं। साथ ही अस्पताल में नियमित योग, प्राणायाम करने लगे। इसी का नतीजा निकला कि उन्होंने कोरोना को हरा दिया। तीन मई को उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई। आरसी वैष्णव कहते हैं कि अस्पताल में पिताजी सुबह-शाम योग, प्राणायाम नियमित करते थे। बीमार होने के दौरान उन्होंने प्रतिदिन करीब 300 अनुलोम-विलोम किए। प्रभुदास वैष्णव बताते हैं कि जब में इस उम्र में ठीक हो सकता हूं तो आप भी हो सकते हैं। बस, मन में सकारात्मक सोच रखें। चिकित्सकों द्वारा दी जाने वाली दवाइयां समय पर लें तथा नियमित योग, प्राणायाम, व्यायाम जरूर करें। इससे शरीर स्वस्थ रहेगा। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ ईश्वर

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