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उदयपुर नगर निगम ने बिना एनओसी के झील में उतारा क्रूज, डीटीओ ने किया सीज

उदयपुर, 28 मार्च (हि.स.)। उदयपुर नगर निगम ने पिछोला झील में क्रूज उतारने की अनुमति दे दी है और शनिवार देर रात क्रूज झील में उतार दिया। होली-धुलेंडी के अवकाश के मौके पर क्रूज उतारने की अनुमति ने नगर निगम पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिम्मेदार कह रहे हैं कि उतारने की अनुमति दी है संचालन की नहीं, जबकि हरकोई जानता है कि उतरने के बाद क्रूज को निकाला जाना संभव नहीं होगा। इस जानकारी के बाद परिवहन विभाग से डीटीओ मौके पर पहुंची और उन्होंने न्यायालय के पूर्व में इस सम्बंध में जारी आदेशों के तहत क्रूज संचालक से सभी तरह के दस्तावेज तलब किए। डीटीओ ने कार्रवाई करते हुए नियमानुसार चालान काटा है। शनिवार रात उदयपुर की प्रसिद्ध पिछोला झील में क्रूज उतारा गया है। जबकि, इस क्रूज को अब तक किसी भी सम्बंधित विभाग से एनओसी प्राप्त नहीं है। झील प्रेमी पहले ही इस मामले में झील की सेहत की चिंता को लेकर अदालत की शरण में गए थे जहां से यह आदेश हुआ था कि संबंधित विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र के बाद ही इसका संचालन किया जा सकेगा। लेकिन, नगर निगम की अनुमति के बाद संचालनकर्ता द्वारा उन अवैध निर्माणकर्ताओं की तर्ज पर ही अवकाश का लाभ उठाते हुए क्रूज को झील में उतारने पर निगम पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। इस संबंध में नगर निगम महापौर जीएस टांक ने कहा है कि अब तक क्रूज हवा में लटका हुआ था, अब पानी में उतारा गया है। संचालन की अनुमति नहीं दी गई है। अब एक- डेढ़ माह तक काम चलेगा, इसके बाद संबंधित विभाग एनओसी जारी करेंगे। तब इसके संचालन की अनुमति दी जाएगी। निगम के ही गैराज समिति अध्यक्ष मनोहर चौधरी ने कहा कि क्रूज संचालक की ओर से पत्र मिला था जिसमें यह कहा गया था कि उसमें कांच व अन्य सामान लगाने हैं जो पानी में उतरने के बाद ही लग सकते हैं, इसीलिए उसे अनुमति दी गई है। संचालन पर पूरी तरह रोक है। इधर, शहर में यह भी चर्चा चल पड़ी है कि पिछले दिनों शहर के पेयजल की व्यवस्था के नाम पर आकोदड़ा से पानी पिछोला में लाया जा रहा था। शायद यह पिछोला का जलस्तर बढ़ाने के लिए था जो क्रूज के लिए मुफीद हो। कुल मिलाकर नगर निगम द्वारा होली के अवकाश में किए गए इस कार्य ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इधर, मामले में क्रूज को पिछोला झील के पारिस्थितिकीय तंत्र के लिए नुकसानदेह बताते हुए एडवोकेट अशोक सिंघवी ने कहा है कि विदेशों में पेट्रोल सस्ता है पानी महंगा है, यह स्थिति कभी उदयपुर भी नहीं हो जाए। पैसा नहीं पानी महत्वपूर्ण है। पानी पर केवल हमारा ही नहीं, जलीय जीव-जंतु-वनस्पति का भी अधिकार है। राजस्थान में मीठे पानी की बहुत कम झीलें हैं। उदयपुर की झीलें उदयपुर की लाइफ लाइन है। अगर झीलें ही समाप्त हो गईं तो उदयपुर में कुछ भी नहीं बचेगा। उदयपुरवासियों को जागना चाहिए। जनता को भ्रमित कर निजी लाभ के निर्णय कालांतर में दुष्परिणाम के रूप में ही सामने आते हैं। रविवार अपराह्न मौके पर पहुंची डीटीओ कल्पना शर्मा ने कहा कि बिना किसी एनओसी के क्रूज झील में उतारा गया है। नगर निगम ने उतारने की अनुमति दी है, लेकिन नियमानुसार फिटनेस व संचालन का लाइसेंस नहीं है। संचालक से सभी तरह के दस्तावेज तलब करते हुए नियमानुसार चालान काटा गया है। हिन्दुस्थान समाचार/सुनीता कौशल / ईश्वर

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