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दो स्टेट हाईवे निर्माण का मार्ग प्रशस्त: जलस्रोतों में जलप्रवाह सुचारू रखने के लिए अपेक्षित संख्या में बनेंगे पुल

जोधपुर, 08 अप्रैल (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने जोधपुर जिले के गजसिंहपुरा, लालावास, मंगेरिया तथा कांकरिया से गुजरने वाले स्टेट हाईवे संख्या 86 सी और 63 के निर्माण में आगोर तथा नाडियों की जलआवक बाधित होने की आशंका को लेकर दायर चार जनहित याचिकाओं को खारिज कर दिया है। हालांकि कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता व्यापक जनहित में निर्माण एजेंसी को सुझाव देने के लिए स्वतंत्र होंगे। मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांति तथा न्यायाधीश विनित कुमार माथुर की खंडपीठ में चार याचिकाओं की सुनवाई हुई, जिनमें कहा गया था कि स्टेट हाईवे का निर्माण होने पर नाडियों और तालाबों के साथ-साथ क्षेत्र के मवेशियों को भी भारी नुकसान होगा। हाईवे बनने से जलप्रवाह बाधित हो जाएगा। अतिरिक्त महाधिवक्ता करणसिंह राजपुरोहित और परियोजना निदेशक निरंजन सिंह चौधरी ने कोर्ट को बताया कि हाईवे निर्माण से पूर्व क्षेत्र की हाइड्रोलॅाजी का विस्तृत अध्ययन विशेषज्ञ एजेंसी से करवाया गया है। तालाबों और नाडियों में पानी के मुक्त प्रवाह के लिए अपेक्षित पुल बनाए जा रहे हैं। परियोजना निदेशक ने मानचित्र पर स्थानों को इंगित करते हुए कहा कि हाईवे नाडियों एवं तालाबों के जलग्रहण क्षेत्र से गुजर रहा है, लेकिन जलग्रहण क्षेत्र से आने वाले पानी के सुचारू प्रवाह के लिए सभी सावधानी बरती गई है। उन्होंने कहा कि सडक़ का निर्माण सार्वजनिक महत्व का कार्य है और समयबद्ध परियोजना होने से इसे समय पर पूरा करने की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ताओं की आपत्तियों व सुझावों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। खंडपीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचिकाकर्ताओं को सुझाव पेश करने की स्वतंत्रता देते हुए याचिकाएं खारिज कर दी। हिन्दुस्थान समाचार/सतीश/ ईश्वर

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