प्रदेश कांग्रेस संगठन के पुर्नगठन व राजनीतिक नियुक्तियों का इंतजार अब हो रहा लम्बा
जयपुर, 04 जनवरी (हि. स.)। राजस्थान में राजनीतिक नियुक्तियों के साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पुनर्गठन तथा मंत्रिमंडल में बदलाव की कवायद में अब थोड़ी देरी हो सकती हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा की ओर से एआईसीसी तथा प्रदेश प्रभारी अजय माकन को सौंपी गई सूची पर कई बैठकों के बाद भी सहमति नहीं बन पाई हैं। बताया जाता है कि माकन ने कुछ सियासी संतुलन साधने के लिए पीसीसी की ओर से सौंपी गई सूची कुछ संशोधनों के लिए लौटा दी है। पीसीसी चीफ डोटासरा ने पिछले दिनों प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पुर्नगठन के लिए 31 दिसम्बर 2020 तक की डेटलाइन तय की थी, लेकिन दिल्ली के रूख को देखते हुए इसमें अब देरी स्वाभाविक हैं। राजधानी जयपुर के शहीद स्मारक पर किसानों के समर्थन में कांग्रेस की ओर से रविवार को दिए गए धरने पर जिस तरह से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ डोटासरा तथा पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की मौजूदगी रही और उनमें आंखें चार हुई हैं, उससे माना जा रहा है कि आगामी दिनों में पीसीसी के पुर्नगठन, सियासी नियुक्तियों तथा मंत्रिमंडल विस्तार या फेरबदल में पायलट समेत उनके खेमे के विधायकों को पूरा माइलेज मिलेगा। डोटासरा ने पिछले दिनों 31 दिसम्बर तक पीसीसी के पुर्नगठन की बात कही थी और इसके लिए सूची लेकर वे खुद दिल्ली पहुंच प्रदेश प्रभारी अजय माकन से मुलाकात कर चुके हैं। जानकार बताते हैं कि वहां लम्बी बैठक के बाद माकन ने सूची दोबारा पीसीसी को लौटा दी हैं, जिसमें गहलोत व पायलट खेमे में संतुलन साधने के अलावा कुछ अन्य संशोधन करने को कहा गया है। मंत्रिमंडल विस्तार, सियासी नियुक्तियों तथा पीसीसी के पुर्नगठन में पायलट खेमे को पूरी तरजीह मिलेगी, इसकी पुष्टि पायलट ने भी की है। रविवार दोपहर मुख्यमंत्री गहलोत के साथ शहीद स्मारक पर मंच साझा करने वाले पायलट बीती रात मुख्यमंत्री निवास पर भोज में भी शामिल हुए तथा यहां भी उन्होंने विधायकों की बैठक में मंच साझा किया। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में पायलट ने कहा भी है कि सरकार ने दो साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है और विधानसभा चुनाव तीन वर्षों के बाद होंगे, इसलिए अब यह सुनिश्चित होना चाहिए कि पार्टी के कार्यकर्ता को सरकार में उचित प्रतिनिधित्व मिले, ताकि पार्टी भविष्य की चुनौतियों का सामना कर सके। पायलट ने यह भी कहा कि राजनीतिक नियुक्तियां और प्रदेश कांग्रेस कमेटी का पुनर्गठन अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा तय समय सीमा में किया जाएगा। यह काम पूरा करने के लिए आलाकमान चर्चा कर रहा है और फीडबैक ले रहा है। असल में, जुलाई 2020 में पार्टी से बगावत के बाद पायलट को पीसीसी चीफ के साथ पूर्व उप मुख्यमंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया था। उस समय पीसीसी की कमान डोटासरा को सौंपने के बाद हुए आधा दर्जन चुनावों में पार्टी बिना संगठन के ही चुनाव मैदान में उतरी है। जबकि, राजनीतिक नियुक्तियां नहीं होने से निचले स्तर तक के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं में निराशा है। इससे चुनावों में पार्टी के प्रतिकूल परिणाम नहीं आ पाए हैं। ऐसे में पार्टी भी चाहती है कि यह प्रक्रिया अब जल्द से जल्द पूरी की जाएं। क्योंकि, अब पार्टी में अंदरूनी तौर पर भी इसके लिए आवाज बुलंद होने लगी है। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप-hindusthansamachar.in