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राजस्थान, यूपी, हरियाणा के अभिभावकों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर दिया धरना

जयपुर/दिल्ली,14 मार्च (हि.स.)। स्कूल फीस को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार को निजी स्कूलों की हठधर्मिता खिलाफ और केंद्र व राज्यों की खामोशी के खिलाफ राजस्थान, यूपी और हरियाणा के अभिभावक एकजुट हुए और दिल्ली के जंतर मंतर पर विशाल धरना प्रदर्शन किया और शिक्षा है व्यापार नही, यह लूट हमें स्वीकार नही की हुंकार भरी। रविवार को राजस्थान से संयुक्त अभिभबक संघ सहित एनसीआर ( गजियाबाद , गौतमबुद्ध नगर , गुड़गांव , फरीदाबाद , मोदीनगर ) की पेरेंट्स एसोसिएशन इस धरने में शामिल हुए। संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने जानकारी देते हुए बताया कि देश में कोरोना वैश्विक महामारी के कारण शिक्षा का 2020/21 का पूरा सत्र महामारी की भेंट चढ़ गया, देशभर के स्कूल खुले नहीं लेकिन निजी स्कूल विद्यार्थियों पर परीक्षण कर ऑनलाइन क्लास के नाम पर पूरी फ़ीस वसूली करने में लग गये। यह लूट बेइंतहा हो, इसके लिये छोटे से छोटे बच्चे की भी ऑनलाइन क्लास चलाई गई। अभिभावकों को अपने बच्चों को मोबाइल, लैपटॉप,कंप्यूटर की स्क्रीन से दूर रहने का सबक सिखाने वाले स्कूल संचालक अब उन्हें ऑनलाइन क्लास का दबाव बनाने लगे। नृत्य, खेल से लेकर संगीत और घुड़सवारी और तैराकी, सभी क्लास बेबाकी से ऑनलाइन चलाकर अभिभावकों को लूटने की साजिश रचते रहे। गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन अध्यक्ष सीमा त्यागी ने बताया कि इस कोरोना कि परिस्थिति में अभिभावकों सबसे बड़ी मार बेरोजगारी का सामना करना पड़ा इसके बाद अब ये निजी स्कूल संचालक तरह-तरह के प्रोपोगंडे रचकर अभिभावकों को ना केवल प्रताड़ित कर रहे है बल्कि अब उन्हें अपमानित भी करने लगे है। अभिभावकों से ऐसा बर्ताव हो जैसे वह इस देश के नागरिक ना होकर आंतकवादी है पाकिस्तानी है। गुरुग्राम पेरेंट्स एसोसिएशन अध्यक्ष प्रदीप रावत ने कहा कि ऑनलाइन क्लास के चलते बच्चों की नजरें कमजोर हो गई और चश्में लगवाने का भी एक अतिरिक्त बोझ अभिभावक पर पड़ा। निजी स्कूल के मालिक बहुत खुश है, इसलिए नहीं कि वह बच्चों से जुड़ पाये, यह काम तो उनके स्कूल में कार्यरत कर्मचारियों का है, स्कूल मालिक इसीलिए खुश थे, कि अब वो ऑनलाइन क्लास चलाकर पूरी फ़ीस लेने का दावा कर रहे है और मोटा मुनाफ़ा इस वैश्विक महामारी में अभिभावकों को प्रताड़ित कर कमाने की योजना को सरकारों के जरिये अंजाम दे रहे है। गौतमबुद्ध नगर पेरेंट्स एसोसिएशन अध्यक्ष सुखपाल सिंह ने कहा कि जब कोविड़ लगा तो अभिभावकों ने सर्व प्रथम स्कूलों से गुहार लगाई नही माने तो अभिभावक सड़कों पर उतरे और राज्य की सरकारों से मांग की धरना, प्रदर्शन, अनशन आदि तक अभिभावकों को करने पड़े उसके बावजूद भी राज्य सरकारों ने अभिभावकों को राहत ना देते हुए ठोकरे खाने पर मजबूर कर दिया। संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा कि दिल्ली के जंतर-मंतर दिया गया धरना केंद्र व राज्य की सरकारों और निजी स्कूलों के लिए आईना है अगर अभिभावकों को राहत नही मिलती है, शिक्षा के नाम पर जारी लूट पर लगाम नही लगती है तो इससे भी बड़ा और वृहद आंदोलन पूरे देशभर के अभिभावकों का धरना, प्रदर्शन, अनशन देखने को मिलेगा। हिन्दुस्थान समाचार/दिनेश/संदीप

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