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दौसा में पुजारी की मौत का मामला: राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा पुजारी के शव को लेकर जयपुर पहुंचे

दौसा/ जयपुर, 08 अप्रैल (हि.स.)। दौसा जिले के महवा थाना इलाके में स्थित टीकरी ज़ाफ़रान गांव में मंदिर की जमीन हड़पने से मूक-बधीर पुजारी शंभू शर्मा की मौत के मामले को लेकर राजधानी जयपुर में उस समय हडकंप मच गय जब भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा बुधवार रात पुजारी के शव को जयपुर लेकर पहुंच गए। पुलिस प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी। जहां भाजपा नेताओं के साथ मिलकर भाजपा मुख्यालय से सिविल लाइंस फाटक पर पुजारी का शव लेकर कूच किया और प्रदर्शन करते हुए मांगें माने जाने तक प्रदर्शन जारी रखने की चेतावनी भी दी। इधर सिविल लाइंस फाटक पर भाजपा के प्रदर्शन को देखते हुए भारी तादाद में पुलिस बल तैनात किया गया है। सिविल लाइंस फाटक को बंद कर दिया गया है। भाजपा नेता और कार्यकर्ता पुजारी के शव को ताबूत में रखकर धरने पर बैठ गए। इससे पहले डॉ. मीणा प्रदेश भाजपा मुख्यालय पहुंचे। जहां से भाजपा नेता जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा, पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी, विधायक अशोक लाहोटी, कालीचरण सराफ और जयपुर शहर अध्यक्ष राघव शर्मा सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे। जिसके बाद वह पुजारी की शव लेकर सिविल लाइंस फाटक की ओर कूच कर शव को ताबूत में रखकर धरने पर बैठ गए। भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने कहा- हमारी सुनवाई नहीं हुई है। पार्टी अध्यक्ष का निर्देश था कि शव को जयपुर लाया जाए। छह दिन से न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं। ब्राह्मण समाज न्याय मांग रहा है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। हम गहलोत साहब को जगाने आए हैं, वे निंद्रा से जागें और हमारी बात सुनें। उन्होंने कहा कि प्रशासन से बनी सहमति के अनुसार मंदिर माफ़ी की ज़मीन से अतिक्रमण हटाया जाना था। लेकिन भूमाफियाओं के दबाव में कोई कार्रवाई नहीं हुई। ना ही अब तक इस मामले को लेकर किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। ऐसे में जब तक मांगे पूरी नहीं होंगी तब तक ना ही धरना ख़त्म होगा और ना ही शंभू पुजारी के शव की अंत्येष्ठी ही होगी। सांसद ने कहा कि शंभू के परिजनों को न्याय दिलाने के लिए मेरा संघर्ष आखिरी सांस तक जारी रहेगा। वहीं महवा धरनास्थल से पुजारी का शव दूसरे ताबूत में शिफ्ट करके जयपुर लाया गया। जिस ताबूत में छह दिन से शव रखा था। उसे वहीं पर छोड़ दिया गया, यह सब पुलिस को चकमा देने के लिए किया गया। पुलिस को गुरुवार सुबह पता लगा तब तक शव जयपुर सिविल लाइंस फाटक पर पहुंचाया जा चुका था। इधर महुवा थाने के सामने से पुजारी का शव जयुपर ले जाए जाने की सूचना मिलने पर पुलिस ने धरना स्थल पर गुरुवार दोपहर को लाठीचार्ज कर धरना दे रहे लोगों को हटा दिया। पुलिस ने टेंट को भी तहस नहस कर दिया, जबकि वहां शांति से धरना चल रहा था। गौरतलब है कि दौसा जिले के टीकरी गांव में मूक बधिर पुजारी की मंदिर की 26 बीघा जमीन की भूमाफियाओं ने रजिस्ट्री करवा ली। आरोप है कि सब रजिस्ट्रार से लेकर पूरा प्रशासन भूमाफियाओं से मिला हुआ था। धोखाधड़ी से जमीन की रजिस्ट्री के बाद पहले से बीमार चल रहे पुजारी की तबीयत और बिगड़ी। ज्यादा तबीयत बिगड़ने पर उसे 29 मार्च को महवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया था। प्राथमिक उपचार के बाद उसे 30 मार्च को गंभीर अवस्था में जयपुर रेफर किया गया था। 2 अप्रैल को जयपुर के एसएमएस अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। जिसके बाद से भाजपा सांसद डॉ. मीणा शव को लेकर थाने के सामने पड़ाव डाले हुए थे और उनकी मांग थी कि मृतक शंभू शर्मा की जमीन की रजिस्ट्री षड्यंत्र करने के मामले में तहसीलदार को एपीओ करने के आदेश, मृतक द्वारा पूर्व में दर्ज मुकदमे की धारा 420 में अब धारा 302 को भी जोड़ा जाए। पुलिस अधीक्षक द्वारा मामले की पड़ताल के लिए तीन टीम गठित हो। षड्यंत्र में लिप्त अपराधियों को जल्दी पकड़ने का आश्वासन और मंदिर माफी की जमीन पर अवैध निर्माण को तोड़े। हिन्दुस्थान समाचार/दिनेश/ ईश्वर

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