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विजयी मशाल को सेना ले गयी सीमावर्ती इलाके श्रीकरणपुर, उत्साह देखने लायक

श्रीगंगानगर, 15 मार्च (हि.स.)। भारत की पाकिस्तान पर जीत के स्वर्णिम विजय वर्ष समारोह के एक भाग के रूप में विजय मशाल को 1971 के युद्ध के दौरान लड़ी गई नागी की लड़ाई के स्मरण के लिए सोमवार को जिले के श्रीकरणपुर के सीमावर्ती नगर में ले जाया गया। डिफेंस पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल अमिताभ शर्मा ने बताया कि इस मौके पर स्थानीय लोगों ने भारी संख्या में भागीदारी की और उनका उत्साह सराहने लायक था। उन्होंने बताया कि 25, 26 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान ने अपने स्वभाव के अनुरूप होने के कारण 16 दिसंबर 1971 को युद्ध विराम की घोषणा के बाद छल से नागी (श्रीगंगानगर) अंतर्राष्ट्रीय सीमा के निकट श्रीकरनपुर में स्थित एक छोटे से गाँव में भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था। भारतीय सेना की 51 पैराशूट ब्रिगेड की 9 पैराशूट रेजीमेंट, 9 पैराफील्ड रेजीमेंट और 410 फील्ड कंपनी के बहादुरों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया और नागी से दुश्मनों को हटा दिया। आज के इस विजयी वर्ष उत्सव में स्कूली बच्चों के लिए विजय मार्च, नागी और श्रीकरणपुर वॉर मेमोरियल पर श्रद्धांजलि, अस्त्रों एवं बैंड डिस्प्ले तथा पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। इस कार्यक्रम में युद्ध वीरों, सेवारत कर्मियों, गणमान्य व्यक्तियों, मीडिया कर्मियों और बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया। सीमावर्ती शहर श्रीकरनपुर में उत्सव और देशभक्ति का उल्लास देखा गया। -हिन्दुस्थान समाचार/संजय/संदीप

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