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प्रदेश में गांवों के स्तर पर भी होगी पेयजल नमूनों की जांच

ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के सदस्यों को मिलेंगे 'कैमिकल फील्ड टेस्टिंग किट जयपुर,16 जून(हि.स.)। जलदाय विभाग द्वारा प्रदेश में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत स्वीकृत ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं के माध्यम से गांव-गांव और ढ़ाणियों में लोगों को स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने के लिए पेयजल गुणवत्ता जांच पर पूरा फोकस किया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश के 43 हजार 362 गांवों के स्तर पर ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति (वीडब्ल्यूएससी-विलेज वाटर एंड सेनिटेशन कमेटी) के सदस्यों को 'कैमिकल फील्ड टेस्टिंग किट' उपलब्ध कराई जाएगी। इसका उपयोग करते हुए जेजेएम में 'हर घर नल कनेक्शन' के माध्यम से पेयजल आपूर्ति में गुणवत्ता सुनिश्चित की जाएगी। जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) सुधांश पंत ने बुधवार को शासन सचिवालय में राज्य स्तरीय क्रियान्वयन टीम के अधिकारियों के साथ बैठक में जेजेएम के तहत मेजर प्रोजेक्ट्स एवं रेग्यूलर विंग की सभी योजनाओं में पेयजल की गुणवत्ता जांच के पहलू पर भी पूरा ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने बैठक में प्रदेश में पेयजल गुणवत्ता जांच के लिए सभी जिला प्रयोगशालाओं के 'एनएबीएल एक्रीडिशन' तथा ब्लॉक स्तर पर प्रयोगशालाएं खोलने के कार्य की प्रगति की भी विस्तार से समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि अब तक प्रदेश में 11 जिलों जयपुर, अजमेर, उदयपुर, कोटा, बीकानेर, भीलवाड़ा, बूंदी, पाली, राजसमंद, श्रीगंगानगर और जोधपुर की जिला स्तरीय प्रयोगशालाओं के नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लैबोरेट्रीज (एनएबीएल एक्रीडिशन) का काम पूरा कर लिया गया है। चार जिलों झुंझुनू, बाड़मेर, हनुमानगढ़ एवं चूरू की जिला प्रयोगशालाओं के 'एनएबीएल एक्रीडिशन' के लिए ऑडिट हो चुकी है। शेष जिलों की ऑडिट का काम आगामी जुलाई माह में पूरा कर सभी जिला प्रयोगशालाओं को 'एनएबीएल एक्रीडेट' करने की दिशा में सतत कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा जेजेएम की गाइडलाइन के अनुसार राज्य में 102 पंचायत समिति मुख्यालयों पर चालू वित्तीय वर्ष में लेबोरेट्रीज स्थापित करने का कार्य भी प्रगति पर है। हिन्दुस्थान समाचार/संदीप / ईश्वर

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