फकीर बनकर किसानों के वोट लिए, अब पूंजीपतियों के वजीर बन गए पीएम मोदी : डोटासरा
जयपुर, 29 दिसम्बर (हि. स.)। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय मैं फकीर हूं, झोला उठाकर चला जाउंगा सरीखे वाक्य बोलकर किसानों के वोट लेने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने कथन को झुठलाकर अब अपने पूंजीपति औद्योगिक घरानों के मित्रों के वजीर बन गए हैं। डोटासरा ने कहा कि वे मन की बात तो कर सकते हैं, लेकिन किसानों के विरोध की आवाज उन्हें सुनाई नहीं दे रही हैं। ऐसे में अब पूरे देश में उनके खिलाफ आक्रोश हैं। डोटासरा मंगलवार दोपहर दिल्ली के एआईसीसी मुख्यालय में राजीव शुक्ला के साथ संयुक्त पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जब नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बने थे तब उन्होंने किसानों से 2 वादे किए थे। पहला था कि किसानों के फसलों की लागत राशि पर उन्हें 50 फीसदी मुनाफा तथा दूसरा वादा किसानों की आमदनी दुगुनी करने का था। उन्हें किसानों के भरपूर वोट मिले। एनडीए प्रथम की सरकार बनते ही पीएम मोदी ने किसानों के लिए बने भूमि अधिग्रहण बिल में पूंजीपति मित्रों के लिए संशोधन करना चाहा। लेकिन, किसानों की हुंकार के सामने वे सफल नहीं हो सके। एनडीए द्वितीय सरकार बनने के बाद वे किसानों के लिए 3 काले कानून लेकर आए। उसकी वजह से किसानों को भरी सर्दी में ट्रेक्टर के नीचे खुले में सोना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इन कानूनों के लिए न किसी से राय ली गई और न कही चर्चा की गई। फिर ये कानून क्यों बनाए गए, इसका जवाब वे देश को नहीं दे रहे है। मोदीजी ने पूंजीपति उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए किसानों के हितों की बलि चढ़ा दी। राजस्थान सरकार ने इनके खिलाफ संशोधन बिल पारित किए। लेकिन, राज्यपाल उन्हें आगे नहीं भेज रहे हैं। हमारी सरकार और पूरी कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ खड़ी है। इतने विरोध के बावजूद मोदी जी के कान पर जूं नहीं रेंग रही है। बिल्ली को देखकर चूहों में जैसे अफरातफरी मचती है, वैसे ही उनके घटक दलों में इनदिनों अफरातफरी मची हुई है। उनके पास मन की बात करने के लिए समय हैं, लेकिन 30 दिनों से सर्दी में बैठे किसानों की सुध लेने का उनके पास समय नहीं है। जब तक केन्द्र सरकार किसानों की बात नहीं मानेगी, तब तक कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ खड़ी रहेगी। राजस्थान में इनकी पार्टी के 8-8 चेहरे मुख्यमंत्री पद के लिए दौड़भाग कर रहे हैं, लेकिन किसानों के हित की बात करने को उनके पास समय नहीं है। तेल, रेल, एलआईसी के बाद अब किसानों का हित पूंजीपतियों को सौंपने का षडय़ंत्र चल रहा है। इसके खिलाफ पूरे देश में आक्रोश है। मोदी जी वोट लेने के लिए टू वे का सहारा लेते हैं, जबकि संवाद के लिए वहां कोई जगह नहीं है। उस समय सिर्फ वन वे हो जाता है। वे सिर्फ मन की बात करते हैं, काम की बात नहीं करते हैं। डोटासरा ने कहा कि जब वे (मोदी जी) गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह से एमएसपी के बारे में लिखित सवाल पूछा था, लेकिन प्रधानमंत्री पद पर पहुंचकर वे खुद एमएसपी के सवाल को भूल गए। उन्होंने कहा कि राजस्थान कांग्रेस किसानों के लिए जनजागरण अभियान चला रही है। राजस्थान के किसान बॉर्डर पर डटे हैं। यदि अब सरकार से बातचीत बेनतीजा रहती है तो राजस्थान के किसान दिल्ली को घेरने पर आमादा है। मोदी सरकार के खिलाफ पूरे राजस्थान के किसानों में आक्रोश है। भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार ने चुनाव आए तब बिजली के बिलों में 800 रुपये की सब्सिडी देने का ऐलान किया था, यह सिर्फ चुनावी फसल काटने के लिए बोला गया झूठ था। जो सिर्फ 2 महीने चला। उन्होंने कहा कि प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने राजस्थान प्रदेश कार्यकारिणी के गठन के लिए दिसम्बर अंत तक प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश दिए थे। हम 31 दिसम्बर से पहले प्रस्ताव बनाकर एआईसीसी को भिजवा देंगे। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संंदीप-hindusthansamachar.in