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कोरोना की प्रभावी औषधि आयुष-64 के वितरण में सेवा भारती ने निभाई महती भूमिका

जयपुर, 18 मई (हि.स.)। ऐसे कोरोना पीड़ित जो लक्षण विहीन या प्रारंभिक अथवा मध्यम प्रकार का संक्रमण है, उनको तीन बार क्लीनिकल ट्रायल में सफल व परिणामकारी औषधि आयुष-64 से लाभ हो सकता है। सेवा भारती ने राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (एनआईए) के साथ मिलकर, जयपुर शहर में आयुष-64 के वितरण में महत्ती भूमिका निभाई है। उल्लेखनीय है कि एनआईए के किसी ऐसे स्वयंसेवी संगठन की आवश्यकता थी, जो पारदर्शिता व प्रतिबद्धता पूर्वक यह जरुरतमंद कोरोना मरीजों तक आयुष- 64 निशुल्क पहुंचा सके। इस कार्य में सहयोग के लिए सेवा भारती आगे आई। दोनों के संयुक्त उपक्रम के अन्तर्गत वितरण अभियान की योजना बनी। सेवा देने वाले में सहभागी स्वयंसेवकों को आभासी माध्यमों से प्रशिक्षण दिया गया है। दवाई, प्रचार सामग्री, स्वयं के बचाव सावधानी के लिए मास्क ग्लब्स उपलब्ध होने पर इन केन्द्रों के लिए स्थान, समय व प्रमुखों के संपर्क नंबर अपने अपने क्षेत्र में वाटसएप्प ग्रुपों के माध्यम से प्रचारित किए गए। औषधि वितरण केन्द्रों के माध्यम से जो युवा व विद्यार्थी संक्रमित या उनके परिजनों को फोन करके इन केन्द्रों पर बुलाते थे, रोगियों के डॉक्यूमेंट देख कर औषधि दी जाती थी। जो संक्रमित या उनके परिजन वितरण केंद्र तक नहीं आ पाते थे, उनको औषधि उनके घर तक भी पहुंचाई गई। वितरण के अलावा इस औषधि के प्रभाव का अध्ययन भी करना था, जिसे रोगी की विस्तार से जानकारी लेकर डेटा संग्रहित किया गया। प्रतिदिन आने वाली कठिनाइयों के समाधान करने, कार्य की प्रगति व समीक्षा के लिए प्रतिदिन आनलाइन मिलते और आयुर्वेद संस्थान के तीन केन्द्र मॉनिटरिंग भी करते हैं। कार्य लगभग पूर्णता पर है। सेवा भारती के सुचारु औषधि वितरण व्यवस्था पर राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान ने संतोष व्यक्त करते हुए प्रशंसा की। जयपुर में आयुष- 64 दवा से 16 मई 1381 कोरोना संक्रमित लाभांवित हो चुके हैं। उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के विश्वव्यापी कहर के बीच आयुर्वेदिक दवा आयुष- 64 आशा की एक किरण के रूप में नजर आ रही है। दरअसल यह दवा 1980 के दशक में मलेरिया के इलाज के लिए विकसित की गई थी, जिसे पिछले एक साल से कोविड-19 के हल्के और मध्यम लक्षण वाले मरीजों के लिए सफलतापूर्वक प्रयोग किया जा रहा है। आयुष मंत्रालय और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने आयुष- 64 की प्रभावकारिता और इसके सुरक्षित मूल्यांकन के लिए बहु केंद्रित नैदानिक परीक्षण पूर्ण कर लिया है। लगभग 40 हजार मरीजों पर किए गए ट्रायल में कोई साइड इफेक्ट का मामला नहीं आया है। साथ ही डायबिटीज कंट्रोल करने में भी यह कारगर साबित हुई। औसतन एक सप्ताह के सेवन में ही जांच रिपोर्ट पॉजिटिव से नेगेटिव हो रही है। पूरा कोर्स 20 दिन का है।इसके सेवन से मरीजों में चिंता, नींद, कमजोरी और थकान में आराम मिला है। हिन्दुस्थान समाचार/ ईश्वर/संदीप

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