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चिकित्सा अधिकारी से सत्रह हजार की रिश्वत लेते वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी गिरफ्तार

अपडेट...पाली, 20 फरवरी (हि.स.)। भष्ट्राचार निरोधक ब्यूरो जोधपुर की टीम ने शनिवार को सुमेरपुर तहसील क्षेत्र के तखतगढ़ ग्राम में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी शरतकुमार सक्सेना को 17 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी सक्सेना के खिलाफ एक अन्य चिकित्सा अधिकारी ने ही रिश्वत राशि मांगने की शिकायत की थी। एसीबी की टीम ने शनिवार को सक्सेना के ड्राइंग रूम में रखी टेबल के प्रिस्क्रिप्सन स्लीप बॉक्स से रिश्वत राशि बरामद कर उसे गिरफ्तार कर लिया। जोधपुर ग्रामीण एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भोपाल सिंह लखावत ने बताया कि पाली जिले के सोजतसिटी कस्बे स्थित पावटी का बास निवासी पवन कुमार (34) पुत्र गणपतलाल माली पेशे से चिकित्सक है। वे अभी सुमेरपुर तहसील क्षेत्र के पावा ग्राम स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर प्रभारी के तौर पर कार्यरत है। उन्होंने एसीबी को सुमेरपुर के साकेतनगर निवासी डॉ. शरद कुमार सक्सेना (57) पुत्र सुरेन्द्र कुमार सक्सेना हाल तखतगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी तथा अतिरिक्त कार्यभार ब्लॉक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के खिलाफ रिश्वत मांगने की शिकायत दी थी। शिकायत में बताया कि गया कि परिवादी पवन कुमार पावा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर पदस्थापित है। उनके अधीन आने वाले उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रतिमाह प्रत्येक गुरुवार को मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य दिवस का आयोजन होता है। इसके निरीक्षण के लिए प्रति विजिट सरकार की ओर से 1500 रुपये का प्रावधान किया गया है। यह निरीक्षण ऑनलाइन ओडीके एप से किया जाता है। पावा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के अधीन बसंत व हिंगोला उप स्वास्थ्य केन्द्र आते हैं। इसकी प्रतिमाह तीन गुरुवार को विजिट होती है। शिकायत में बताया गया कि इस अनुसार 4500 रुपये प्रतिमाह एमओ मोबिलिटी बनती है। राज्य सरकार की ओर से जून 2020 से मोबिलिटी की अनुमति दी गई एवं भुगतान भी अपने स्तर से करने की अनुमति है। परिवादी पवनकुमार ने जून 2020 से प्रतिमाह ओडीके एप से ऑनलाइन निरीक्षण कर प्रतिमाह 4500 रुपये के हिसाब से दिसम्बर 2020 तक 31 हजार 500 रुपए का भुगतान उठाया गया था। परिवादी की ओर से एमओ मोबिलिटी के भुगतान हुए बिल की कुल राशि में से 30 प्रतिशत रिश्वत राशि की मांग की गई, लेकिन परिवादी की ओर से मना करने के बाद परिवादी को 4 जनवरी 2021 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। परिवादी ने शिकायत में बताया कि पूरे ब्लॉक में यह नोटिस सिर्फ उसे ही दिया गया। जबकि, पूरे ब्लॉक तेरह चिकित्सा संस्थानों में से आठ संस्थानों के अधिकारी यह भुगतान उठा चुके थे। एसीबी ने 12 फरवरी 2021 को शिकायत का सत्यापन करने के बाद शनिवार को तखतगढ़ के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी को रंगे हाथों गिरफ्तार करने के लिए जाल बिछाया। शनिवार को परिवादी ने जैसे ही सक्सेना को 30 प्रतिशत रिश्वत राशि के रूप में 17 हजार रुपए थमाए, वैसे ही इशारा पाकर एसीबी ने उसे दबोच लिया। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ ईश्वर

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